मंदसौर गरोठ को जिला बनाने के लिए अब फिर से भानपुरा क्षेत्रवासियों द्वारा मांग उठा दी गई है। भानपुरा क्षेत्र वासियों से बात की गई तो उन्होंने एक साथ कहा कि गरोठ को जिला बनाया जाए ताकि हमें सबसे बड़ी राहत मिल सके। भानपुरा वासियों की यह मांग सालों से चली आ रही है। गरोठ को अगर जिला बना दिया जाएगा तो सबसे अधिक फायदा भानपुरा और गांधीसागर क्षेत्रवासियों को होगा। वर्तमान में क्षेत्रवासियों को जिला मुख्यालय के कार्यालय में काम होता है तो किसी को 175 किलोमीटर तो किसी को 1:30 100 किलोमीटर का सफर करने जाना पड़ता है। इसके कारण आर्थिक बोझ तो पड़ता ही है साथी व्यक्ति मानसिक रूप से भी परेशान हो जाता है।
गरोठ को जिला बनाने से विकास के नए द्वार खुलेंगे
गरोठ और भानपुरा अंचल के सुदूर भाग जैसे हरी गढ़, दान्तला, भीमपुरा ,आकी चौकी जैसे गांव वर्तमान जिला मुख्यालय से 175 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है। यह लोग विगत 73 वर्षों से हर छोटे-मोटे प्रशासनिक कार्यों के लिए मंदसौर तक 175 किलोमीटर तक जाने दिया इतना ही दूर आने की यात्रा करते हैं। प्रशासनिक कार्यों के भी एक बार में पूरा होने की उम्मीद नहीं होती है और वही तारीख पर तारीख बदल दी जाती है जिससे लोगों का इतना लंबा सफर किसी काम का नहीं रहता है। इन 73 वर्षो में जिले के अधिकारियों में से सिर्फ एक दो बार ही कोई अधिकारी यहां पर पहुंचा होगा और समय मार्ग मौसम एवं सर्दी गर्मी वर्षा में हलचल जानने का प्रयास किया होगा। सुशासन की व्यावहारिक अवधारणा से यह अंचल वंचित रहा है।
गरोठ भानपुरा के पास विकास की विपुल संभावनाएं हैं
गरोठ के लोगों का कहना है कि हमारे इस अंचल में विश्व स्तरीय शैलाचित्र विथिका,मानव सभ्यता के कलाप्रमाण अभयारण्य, देव वन जड़ी बूटियों की विपुल उपलब्धि, पर्यटन विकास की विपुल संभावना के साथ खेती सबकुछ गरोठ भानपुरा के पास है। स्पष्ट है कि वैभवशाली यह क्षेत्र गरोठ रश्मिरथी की प्रतीक्षा में है। अगर गरोठ जिला बन जाएगा तो रोजगार और विकास के नए द्वार खुलेंगे। आमजन खुशी अनुभव करेगा। युवा शक्ति को दिशा मिलेगी।