मध्य प्रदेश के सभी जिलों में इस बार भी प्याज का इतना उत्पादन हुआ कि शहर शहर के सभी गोदाम पूरी तरीके से भर गए। दिन पर दिन प्याज की मांग बढ़ती जा रही है और बांग्लादेश और झारखंड में तो बहुत तेजी से प्याज की डिमांड हो रही है। कई व्यापारियों ने गोदाम भर रखे हैं तो कई किसानों ने प्याज सीजन पर नहीं बेचकर अभी तक अपने घर में ही रखे हुए हैं। किसानों के चेहरे इस बार खेले हुए हैं क्योंकि इस बार प्याज के सबसे अच्छे दाम मिल रहे हैं। पिछले वर्षों तक सीजन में प्याज ₹5 से 6 किलो में बिकती थी लेकिन इस बार वही प्याज ₹20 किलो तक बिक रही है।
प्रदेश में देसी प्याज का अधिक उत्पादन हुआ है
पिछले वर्ष अधिक बारिश होने के कारण और देसी प्याज में तेजी आने के कारण इस बार किसानों ने देसी प्याज का उत्पादन ज्यादा किया है और किसानों ने उम्मीद रखी है कि इस बार भी प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज के दाम धीरे धीरे बढ़ते चले जा रहे हैं जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी आ रही है। हालांकि प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र के नासिक में सबसे अधिक होता है लेकिन इस बार वहां के प्याज में खराबी होने के कारण वहां के प्याज की मांग कम पड़ गई है। पिछले वर्ष अभी जून के अंत तक देसी प्याज के भाव आसमान छू चुके थे। इस बार भी किसानों ने देसी प्याज को अपने घर में ही संभाल कर रखा है ताकि अच्छे दाम मिलने पर किसान उन्हें बेच सकें।
प्रतिदिन भाव बढ़ते जा रहे हैं
किसानों ने जो उम्मीद लगाई थी के प्याज के दाम पिछले वर्ष जैसे अच्छे मिलेंगे और इस बार भी प्रतिदिन प्याज के भाव में बढ़ोतरी होती जा रही है और प्याज 3000 तक पहुंच चुके हैं। अब किसानों ने जो प्याज घर में संभाल कर रखे हैं वह प्याज थोड़ी और कीमतें बढ़ने के बाद बेचेंगे यानी कि जब नए प्याज आना शुरू हो जाएंगे तब किसान देसी प्याज को भी मंडी लेकर जाएंगे ताकि किसानों को अच्छे से अच्छे दाम मिल सके। प्रदेश के प्याज की एक विशेषता यह भी है कि यह प्याज इतनी अच्छी है कि इसको हम 5 से 6 महीने संभाल कर रख सकते हैं और उसके बाद भी यह धीरे-धीरे ही खराब होना शुरू होता है। इसलिए जो भी किसान देसी प्याज संभाल कर रखे हैं उन्हें अच्छी कीमत के लिए थोड़े दिन और इंतजार करना पड़ेगा और जो चाहता है वह अभी भी बेच सकता है।