चीन में प्रकाशित कई लेखो के हवाले से ब्रिटिश पत्रकार जैस्पर बैकर की रिपोर्ट में दावा
आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि चीन के वुहान शहर की की लैब में 1000 से ज्यादा जानवरों के जीन जैनैटिक इंजीनियर की मदद से बदल दिए गए हैं।इन जानवरों में बंदर और खरगोश भी शामिल है।आपको याद होगा कि वुहान से ही पुरी दुनिया में वायरस फैला था। ब्रिटिश पत्रकार और लेखक जैस्पर बेकर ने चीन में ही प्रकाशित कई लेखो के हवाले से एट रिपोर्ट दी गई है। इसमें कहा गया है कि चीन की वुहान लैब में जानवरों को वायरस के इंजेक्शन लगाए गए। ताकि उनके जीन बदल जाए। बीना से झांसी के क्लोन तैयार किए गए हैं।जैस्पर के मुताबिक इसी आधार पर वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है की इस इंजेक्शन में उपयोग की गई सामग्री से ही 4 आदमी इस वायरस की उत्पत्ति हुई है यानी कि चीन में दुनिया के साथ धोखा किया है।
चीन ऐसे प्रयोग भी कर रहा है जो अन्य देशों में प्रतिबंध है
जानकारी के मुताबिक चीन अपने देश की प्रयोगशालाओं में कैसे प्रयोग भी करवा रहा है जो दुनिया के बाकी देशों में प्रतिबंधित है। चीनी शोधकर्ता इंसानों पर भी प्रयोग कर रहे हैं। जबकि सभी देशों में ऐसे प्रयोग अनैतिक माने जाते हैं एक प्रकार से देखा जाए तो चीन अब खुद को ना जाने क्या समझने लगा है की ऐसी चीजें जो पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है वह अपने देश में प्रयोगशाला में करवा रहा है। गौरतलब है कि चीन कह रहा है ऐसे प्रयोग इंसानों की कई बीमारियों के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं।
बेचारे जीवित जानवरों पर किए जा रहे हैं प्रयोग
जैस्पर के मुताबिक चीन यह दर्शाने की कोशिश कर रहा है कि वुहान या अन्य स्थानों में प्रयोगशालाए जैव सुरक्षा पर शोध करने के लिए बनाई गई है। लेकिन यहां पर तो जीवित जानवरों पर प्रयोग किए जा रहे हैं जो कि बिल्कुल प्रतिबंधित है। इसमें जानवरों की सुरक्षा का ध्यान नही रखा जा रहा है। यहां देखा गया है कि टेस्ट ट्यूब में रखे गए रोगजनक जीवों को देख कर बंदर भागने लगते हैं। वे काटने और खरोंचने भी लगते हैं।