कोरोना का खतरा अब कम होने लगा है, और इसी के साथ डब्ल्यूएचओ ने जानकारी दी है कि भारत में मिले वेरिएंट को डेल्टा नाम से जाना जाएगा,
आखिर क्यों जरूरत पड़ी वायरस के नामकरण
आपको जानना चाहिए कि हाल ही में भारत में मिले वेरिएंटB.1.617.2 को भारतीय वैरीअंट कहे जाने पर भारत ने आपत्ति जताई थी, हालांकि सोचने वाली बात यह है कि इसमें कोई बुराई भी नहीं है क्योंकि इसे भारतीय वेरियन कहे जाने पर किसी भारत के अलावा किसी भी राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय मंच पर छवि धूमिल होती है।
वायरस के स्तर
कोविड-19 वेरिएंट के खतरे को देखते हुए इसे तीन श्रेणी में बांटा गया है इसमें
Variant all interest (VOI)
Variant of concern (VOC)
Variant of high concern
भारत के अलावा दूसरे देशों में मिले वेरिएंट का नाम
भारत के अलावा दूसरे देशों में मिले जो कम खतरे वाले हैं (variant of interest)की श्रेणी में आते हैं
इप्सिलोन:-अमेरिका
जीटा :-ब्राजील
थीटा :-फिलीपींस
लोटा :-अमेरिका
कप्पा :-भारत
अब जान ले मध्यम खतरे वाले वेरिएंट के बारे में जिनको variant of concern भी कहा जाता है
B.1.1.7 ब्रिटेन अल्फा
B.1.351 दक्षिण अफ्रीका बीटा
P.1 ब्राजील गामा
आपको बता दें कि पहले डेल्टा (VOI) की श्रेणी में था 11 मई 2021 को इसे डब्ल्यूएचओ द्वारा (VOC) के रूप में नामित किया गया
कप्पा वेरिएंट जो पहले कम खतरे वाली श्रेणी(VOI) में भी नहीं था 4 अप्रैल 2021 को इसे (VOI) शामिल किया गया