अंधेरे में सिर्फ हुलिया देख हो जाएगी अपराधी की पहचान,एआइ आधारित साफ्टवेयर बनेगा संदिग्ध की पहचान का माध्यम,एक वर्ष का समय लगा तैयार करने में

 

दिन पर दिन बेहतर हो रही तकनीक का इस्तेमाल करके अपराधियों को पकड़ने के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से शारीरिक बनावट के आधार पर अंधेरे में भी अपराधियों की पहचान की जा सकेगी। अभी तक जो अपराधी वेश बदलकर या मुंह ढककर बच निकलते थे उनकी पहचान की जा सकेगी।अभी तक जो अपराधी वेष बदलकर या मुंह ढककर बच निकलते थे,उनकी पहचान नही हो पाती थी लेकिन अब कोई भी अपराधी बच नही पाएगा।

नोएडा की डाक्टर शिवानी वर्मा ने किया साफ्टवेयर तैयार

नोएडा की विज्ञानी डॉ शिवानी वर्मा ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसमें अगर किसी घटना की फोटो या वीडियो डाली जाए तो घटना में शामिल उस व्यक्ति की पहचान आसानी से हो सकेगी। यह सॉफ्टवेयर पुलिस और सुरक्षा से जुड़ी सभी संस्थाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के लिए अपराधी की पहचान करना है ना केवल आसान होगा बल्कि इसके जरिए वह अपराधियों को ट्रैक कर उन तक पहुंच भी सकेंगे।

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सामान्य कंप्यूटर में भी चल सकेगा सॉफ्टवेयर

नोएडा की एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी की असिस्टेंट ऑफिसर डॉ शिवानी वर्मा ने बताया कि विभाग के निदेशक डॉ एम एस प्रसाद के मार्गदर्शन में उच्च सटीकता के साथ एक व्यक्ति के शारीरिक मापदंडों के आधार पर पहचान करने की प्रणाली विकसित की गई है। इसका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को पकड़ा जा सके। वह इस सॉफ्टवेयर को इस प्रकार से तैयार कर रही है ताकि इसे आउट करने में ज्यादा खर्च ना आए इंस्टॉल कर आसानी से प्रयोग किया जा सके। क्लास का मॉडल तैयार कर लिया गया है।

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