जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के रणायरा गांव में मोर के शिकार मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से मृत मोर के अवशेष भी बरामद किए हैं। राष्ट्रीय पक्षी के शिकार मामले में वन विभाग ने घटना से ही इंकार कर दिया था साथ ही बताया था कि मोर की मौत पत्थर की चोट लगने से हुई थी लेकिन अब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और वन विभाग के दावे को खोखला साबित कर दिया है।
आरोपी घुड़सवार बनकर गांव में आए थे
तीन गुड सवारों को ग्रामीणों ने देखा था और फायरिंग की आवाज भी सुनी थी। वहां पर देखा गया तू कारतूस भी मिले हैं और मोर के पंख भी मौके पर मिले थे। नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में मोर का शिकार करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने उतार लिया और उन पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोर के अवशेष, 12 बोर देसी कट्टा, दो बोर के खाली कारतूस, मीट काटने का धारदार छोरा और 3 घोड़े भी जप्त किए गए। 26 मई को पुलिस को वन विभाग की ओर से इस घटना की शिकायत मिली थी। इस आधार पर पुलिस ने घटना की जांच करना शुरू कर दी थी।
आरोपियों से की जा रही है पूछताछ
पुलिस ने बताया कि हमारे द्वारा पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों में जाफर पिता मुन्ना तांगेवाला निवासी मुल्तानपुरा, शोएब जंगू निवासी मुल्तानपुरा और हकीम जंगू शामिल है। वही रणायरा सोनगरा मार्ग पर बबूल के पेड़ पर एक मोर मृत अवस्था में मिला था। इस पर जांच दल ने शव परीक्षण के लिए पशु चिकित्सालय मल्हारगढ़ भेजा गया था। घटनास्थल पर दो कारतुसो के खाली खोखे और आसपास मोर के पंख भी मिले थे। मामले में पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अवशेष में अन्य सामान जब तक किए और 3 घोड़े भी जप्त कर लिए हैं। पुलिस मामले की और भी जांच कर रही है।