कोविड-19 महामारी के दौर में अब लोगों का प्रशासन से विश्वास उठ गया है और भगवान की शरण में जाकर राहत मांगी जा रही है। इसके लिए लोगों द्वारा महामारी को भगाने के लिए हवन व पूजन के साथ प्रार्थना ओं का दौर चल रहा है। लोग अब महामारी से बचने के लिए और महामारी के प्रकोप से आहत लोग अब डॉक्टरों के इलाज के साथ-साथ प्रार्थनाएं भी कर रहे हैं। इसमें लोग अपने अपने गांव में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ-साथ गांव के एक मंदिर पर इकट्ठा होते हैं और वहां से हवन सामग्री द्वारा पूरे गांव में चलित हवन करेंगे गांव के वातावरण को शुद्ध किया जाता है और साथ-साथ भगवान के भजन कीर्तन किए जाते हैं।
मंदसौर नीमच जिले में अपनाया गया सबसे पहले यह तरीका
प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिले के गांव में सबसे पहले यह तरीका लोगों द्वारा अपनाया गया। जिसमें लोगों द्वारा अपनी श्रद्धा के अनुसार दान दिया गया और उसी दान से हवन सामग्री लाई गई और गांव में चलित हवन के द्वारा गांव के वातावरण को भगवान के भजन कीर्तन के साथ शुद्ध किया गया। ऐसी स्थिति में भगवान से प्रार्थना के साथ मंदिरों में भी आराधना का दौर हर गांव में चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में पिछले विगत 1 सप्ताह से चलित हवन के साथ नगर में विराजित देव प्रतिमाओं के समक्ष यज्ञ हवन कर महामारी को समाप्त कर निरोगी जीवन की कामना करने का सिलसिला जारी है। इसी प्रकार धुंधडका में भी यहां के ग्रामीणों ने एक समिति गठित कर सामूहिक दूरी के साथ नगर स्थित हरदेव स्थान पर सामूहिक यज्ञ पूजन कर भगवान की आराधना कर रहे हैं।
गांव का वातावरण शुद्ध किया जा रहा है
गठित समिति की इस पहल से घरों में बैठे ग्रामीण भी भगवान की आराधना कर रहे हैं। तकरीबन 1 सप्ताह से चल रहे इस तरह यज्ञ पूजन को लेकर ग्रामीण अभी तक यहां दर्जनों देव स्थानों पर प्रतिमाओं के समक्ष आराधना कर महामारी को दूर करने की कामना कर चुके हैं। हालांकि ग्रामीणों की इस पहल के बाद महामारी के प्रकोप में भी गिरावट आई है। मंगलवार को भी नगर के वार्ड 20 विवेकानंद नगर स्थित रणवीर बालाजी मंदिर पंडित प्रहलाद पराशर ने मंत्रोचार के साथ यज्ञ पूजन संपन्न कराया। सेवानिवृत्त शिक्षक शंभू लाल भाटी ने बताया कि महामारी से जूझ रहे लोगों पर दवाओं के साथ भगवान के समक्ष की जा रही आराधना व दुआओं का असर सही साबित हो रहा है।