आपदा में अवसर ढूंढकर सिद्धी विनायक हास्पीटल कर रहा मरीजों के परिजनों से अवैध वसूली, बिल मांगने पर दी जा रही पुलिस व न्यायालयीन कार्रवाई की धमकी, मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग

 

पिपलिया स्टेशन (जेपी तेलकार)। मंदसौर के सिद्धी विनायक अस्पताल पर आयुष्मान योजना का लाभ न देने, मरीज के परिजनों से फर्जी बिल बनाकर अवैध वसूली करने व विरोध करने पर अभद्र व्यवहार कर न्यायालयीन व पुलिस कार्रवाई की धौंस देने का मामला सामने आया है। कोरोना संक्रमण काल में अस्पताल प्रबंधन द्वारा की जा रही अधिक राशि वसूली का शिकार हुए माऊखेड़ी (दलौदा) निवासी भरतलाल पिता बद्रीलाल धाकड़ ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान, सांसद सुधीर गुप्ता, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा व मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प को कर हास्पीटल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर वसूली गई राशि पुनः दिलाने की मांग की। भरतलाल ने शिकायत में बताया कि मेरी माताजी श्रीमती सोहनबाई को तबीयत खराब होने पर 26 अप्रेल 2021 को मंदसौर सिद्धी विनायक अस्पताल में ले गए, जब प्रबंधक से आयुष्मान योजनान्तर्गत इलाज की बात की तो प्रबंधक का कहना था यह योजना बंद हो गई है। आप निजी खर्च से इलाज कराओ। भरतलाल ने बताया कि भर्ती करने पर 200 रुपए प्रतिघंटा आक्सीजन चार्ज देने की बात अस्पताल प्रबंधन ने कही। 10 दिन सामान्य बेड नम्बर 316 पर व 36 घंटे आईसीयू बेड नम्बर 7 पर, कुल 12 दिन उपचार के बाद 7 मई को दोपहर 12 बजे सोहनबाई का निधन हो गया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने 2 लाख 81 हजार रुपए का बिल दिया, इतने रुपए नही होने के बाद भी जैसे-तैस व्यवस्था कर हमने यह राशि जमा कराई, तब जाकर शव दिया। इलाज में खर्च हुई राशि का बिल मांगने पर नही दिया। माताजी का निधन होने से हमने बहस नही की और हम शव लेकर चले गए। भरतलाल ने आगे बताया कि 13 मई को हम पुनः सिद्धी विनायक हास्पीटल मंदसौर इलाज व दवाईयों का हिसाब लेने गए तो प्रबंधक अनुराग भटनागर ने बिल देने से मना कर दिया और अभद्र व्यवहार करने लगे। भटनागर ने पुलिस व न्यायालयीन कार्रवाई की भी धौंस दी। लेकिन हमने कहा कि बिल लेकर ही जाएंगे तो अस्पताल प्रबंधन ने हमें समझाइश कक्ष में बुलाया, जहां डाॅ. विनोद बाथरा से चर्चा हुई तो उनका भी यही कहना था कि बिल नही मिलेंगा, जब हमने उक्त राशि का आयुष्मान योजना में करने की कहा तो उनका कहना था यह प्राइवेट अस्पताल है, यहां कोई शासकीय योजना लागू नही होती। विनोद बाथरा भी इसी तरह अभद्र व्यवहार पर उतर आए और मानहानि का दावा करने की धमकी देकर हास्पीटल से बाहर निकाल दिया। करीब 3 घंटे तक हम परिवार के साथ अस्पताल में डटे रहे, काफी बहस बहस के बाद शाम 5 बजे हमें बिल व हिसा दिया। भरतलाल ने आगे बताया हास्पीटल ने जो बिल दिया उसमें देखा तो आईसीयू का बिल 4 दिन का दिया, जबकि सोहनबाई 36 घंटे ही हास्पीटल के आईसीयू में रही। इसी तरह आईसीयू डाॅक्टर विजिट दो हजार रुपए प्रतिदिन बताकर आठ हजार रुपए जोड़े गए। 12 दिन का आक्सीजन चार्ज 200 रुपए के बजाए 350 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से जोड़ा गया। इसके अलावा गोली, दवाई व इंजेक्शन के भी रुपए हमसे एडवांस ले लिए और कहा कि हम हमारे हिसाब से जो जरुरत होगी वह मेडीकल से लाकर लगा देंगे। इसके अतिरक्ति अन्य मेडीकल से भी करीब 70 हजार रुपए की मेडिसिन मंगवाई। इस तरह करीब साढ़े तीन लाख का खर्च हो गया। भरतलाल ने बताया अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्यवस्था, उपचार से लेकर मेडिसिन तक खर्च में भारी धांधली कर राशि वसूली गई। वहीं आयुष्मान योजना में भी उपचार नही किया व आर्थिक शोषण किया।

हास्पीटल द्वारा वसूली गई अवैध राशि में सभी की हिस्सेदारी 

प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र ने आरोप लगाया वैश्विक महामारी के दौर में मानव जाति खतरे में है, एसे में सिद्धी विनायक हास्पीटल आपदा में अवसर ढंूढकर मरीजों के परिजनों से लूट-खसोट कर रहा है। पूर्व में कई बार इस हास्पीटल प्रबंधन द्वारा मरीजों के परिजनों से अवैध राशि वसूलने व धमकाने का मामला सामने आया है। जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि हास्पीटल प्रबंधन द्वारा मरीजों के परिजनों से वसूली जा रही अवैध राशि में शासन, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की भी हिस्सेदारी है, इसी कारण कई बार शिकायत के बाद भी अभी तक हास्पीटल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नही हो पाई।

जिला अस्पताल का वेंटीलेटर भी दे रखा सिद्धी विनायक अस्पताल को

मल्हारगढ़ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने आरोप लगाया कि आपदा में भी जिला अस्पताल प्रबंधन निजी अस्पताल को फायदा पहंुचाने का काम कर रहा है। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी केएल राठौर ने सरकारी अस्पताल का वेंटीलेटर सिद्धी विनायक अस्पताल को यह कहकर दे दिया कि इसे संचालित करने जिला चिकित्सालय में आॅपरेटर नही है। इस तरह आपदा के अवसर में भी जिला अस्पताल ने मिलीभगत कर वेंटीलेटर निजी अस्पताल को सौंप दिया, इसके पीछे सीएमएचओ ने अपना आर्थिक हित साध लिया। जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए है।

नही की काॅल रिसिव

मामले को लेकर सिद्धी विनायक हास्पीटल प्रबंधक अनुराग भटनागर से मोबाइल नम्बर 7000640018 पर तीन बार लेकिन उन्होंने काॅल रिसिव नही की। इसी तरह मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प से मोबाइल नम्बर 9425146610 पर तीन बार काॅल की, लेकिन उन्होंने भी काॅल रिसिव नही की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *