कोरोना ने मंदसौर जिले को एक प्रकार से अपना कैदी बना लिया है। मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है और अपने पैर पसार रहा है। इसी कोरोना से जूझ रहे मंदसौर जिले की चिंता जिप सीईओ ऋषभ गुप्ता को थी कि जिला अस्पताल में तो जैसे तैसे ऑक्सीजन मिल रही है लेकिन मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सेंटर पर ऑक्सीजन कैसे मिल पाएंगी। इसके लिए लगभग 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने अपनी यह पीड़ा कुछ दिनों पहले ही अपने मित्र को बताई जो अमेरिका में रह रहे हैं जिनमें से एक का नाम कुणाल महाजन और दूसरे का नाम शशांक यदुवंशी है। इन दोनों ने अपने दोस्त की पीड़ा सुने तो उनके मन में दोस्त की मदद करने के लिए विचार आया।
दोनों ने संस्था के माध्यम से पैसे इकट्ठे करने का प्लान बनाया
कुणाल और शशांक ने अपनी संस्था मिलाप के माध्यम से फंड एकत्रित करने का प्लान तैयार किया। मिलाप की वेबसाइट पर जिप सीईओ की बात रखी गई और मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए दान देने की मांग की गई। सीईओ की अपील का काफी असर हुआ और महज 3 दिनों में विभिन्न देशों के 610 लोगों ने मिलकर 47 लाख 93 हजार ₹428 का दान दे दिया। जबकि लक्ष्य सिर्फ 47.50 लाख रुपए का रखा गया था। इतना जल्दी पैसे इकट्ठे होने का अच्छा प्रभाव यहां पड़ा कि मंदसौर जिले को जल्दी से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 50 की जगह 52 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें मिल जाएगी। यह सारा फंड रेड क्रॉस में दिया गया है और 35 मशीनों का आर्डर दिया जा चुका है। 17 का और जारी किया जा रहा है।
15 दिन में सभी मशीनें मंदसौर पहुंच जाएगी
अच्छी बात यह है कि यह सभी मशीनें 15 दिन के अंदर मंदसौर पहुंच जाएगी और इनका उपयोग तहसील मुख्यालयों पर बनाए जा रहे कोविड केयर सेंटर पर किया जाएगा। प्रशासनिक सेवा में आने से पहले जीप सीईओ ऋषभ गुप्ता ने दिल्ली से आईआईटी की है। वहां पर ही कुणाल महाजन और शशांक यदुवंशी इनके साथ पढ़ते थे। इनके लगातार संपर्क में रहने से फायदा यह हुआ कि कुणाल और शशांक ने अपने संस्था मिलाप के माध्यम से मंदसौर को बहुत बड़ी सौगात दे दी। इस अभियान में कुल 610 लोगों ने दान दिया। इनमें से कई लोगों ने अपना नाम उजागर नहीं किया। लोगों ने ₹500 से लेकर ₹50 तक का दान दिया। विभिन्न देशों के लोगों ने अपने देश की मुद्रा के अनुसार दान दिया। इसके अलावा मंदसौर जिले के भानपुरा, गरोठ और मंदसौर के विदेशों में बसे लोगों ने भी दान दिया।
दोस्तों से दर्द शेयर किया था समस्या ही हल हो गई
जीप सीईओ ऋषभ गुप्ता ने बताया कि कुछ दिनों पहले में ऐसे ही अपने मित्रों कुणाल महाजन और शशांक यदुवंशी से चर्चा कर रहा था मंदसौर जिले में तहसील मुख्यालयों पर बने कोविड-19 पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं है और यहां पीड़ा मन में बनी हुई है। इस पर दोनों ने इंटरनेट पर अपनी संस्था मिलाप के माध्यम से फंड इकट्ठा करने की बात कही। उन्होंने अपनी बात रखी और उसका परिणाम आज सबके सामने है। मात्र 3 दिनों में ही 52 मशीनों के लिए पैसे इकट्ठे हो चुके हैं।