रमन सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटते ही छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की गतिविधियां बहुत ही तेजी से बढ़ रही है और इसी का एक जीता जागता उदाहरण हमें आज देखने को मिला है और ये वर्तमान घटना तो हमारे लिए एक खतरे की घंटी है, और पानी सर से उपर जाने का प्रमाण है।इसके बाद निश्चित ही नक्सलियों से निपटने वाला मानवीय एप्रोच और पारंपरिक तौर तरीका बदलकर और आक्रामक रणनीतियां, स्वार्म ड्रोन जैसी उच्च कॉम्बैट तकनीक द्वारा नक्सलियों को काउंटर किया जाएगा।
22 जवान वीरगति को प्राप्त हुए 😔
छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्रों में नक्सली के साथ मुठभेड़ में हमारे 22 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए।31 जवान घायल के और 1 जवान लापता हैं। आखिर इसका सही कारण क्या है। कब तक ऐसे जवान शहीद होते ही रहेंगे। एक बार जनता को भी एक बार अवश्य विचार करना चाहिए कि क्या कारण है कि कांग्रेस की सरकारें अस्तित्व में आते ही कितने ही क्षेत्रों में हलचल शुरू हो जाती है जिसमें-
01-पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट एक्टिवेट हो जाता है।
02-राजस्थान में हिंदू विरोधी घटनाओं की बाढ़ आ जाती है।
03-महाराष्ट्र में लूटमार, वसूली, हिंदू साधु संतों की बर्बर हत्या, नौसैनिकों को अगवा कर उनकी बर्बर हत्याएं और पुलिस जैसी संस्थाएं भी उद्योगपतियों को निशाना बनाने हेतु बम प्लांट करने लग जाती हैं।
04- छत्तीसगढ़ में अंत के निकट पहुंच चुका नक्सल मूवमेंट पुनः खड़ा होकर सशस्त्र सेना के सपूतों की हत्या शुरू कर देता है।
05- इसके अतिरिक्त यदि आप ध्यान से देखेंगे तो कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में अधिकांश वहीं हैं जहां कांग्रेस का शासन है।
यह एक संयोग तो हो नहीं सकता इसमें जरूर ही कोई बड़ा रहस्य छिपा है जिसको लोग समझ नहीं पा रहे हैं। लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए और राजनीति में अंधे नहीं होना चाहिए।
भगवान इस दुख की घड़ी में बलिदानी जवानों के परिवार को संबल प्रदान करे। ॐ शांति। 🙏