अगर आपको नाखुन चबाने की आदत है तो आज ही छोड़ दीजिए,हो सकते हैं इसके कई भयानक परिणाम

आप बचपन सुनते आ रहे होंगे कि नाखून चबाना इंसान के लिए एक बुरी आदत है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नाखुन चबाना बुरी आदत क्यो है या इसके बारे में कभी किसी ने विस्‍तार में बताया हो या आपने किसी से पूछा हो। मुझे नही लगता आपको किसी ने इसके बारे में विस्तार में बताया होगा। लेकिन ये तो हर किसी को पता है कि इससे बीमारियां हो सकतीं हैं लेकिन कितनी गंभीर बीमारियां और हेल्‍थ प्रॉब्‍लम हो सकती हैं। चलिए आपको आज मैं बताता हूं कि नाखुन चबाने से कितनी गंभीर बिमारिया हो सकती है। दरअसल नाखून चबाना एक ऐसी आदत है जिसको समय रहते रोका नहीं गया तो यह आदत हमारी रुटीन में ऐसे शामिल हो जाती है कि पता भी नहीं चलता कि कब हमने अपने नाखूनों को कुतरना शुरू कर दिया। एक शोध के मुताबिक, दुनियाभर में 30 प्रतिशत आबादी नाखून चबाने की आदत से त्रस्‍त है।

नाखुन चबाने से कौन-कौन सी बिमारियां होती हैं।

01-स्किन इंफेक्शन

हेल्‍थ के मुताबिक, नेल बाइटिंग की वजह से बैक्‍टेरियल इन्फेक्शन हो सकता है जिससे चेहरे पर रेडनेस, सूजन आदि हो सकते हैं और इसके अलावा कई बार तो नाखून के नीचे भी बैक्‍टेरियल इन्फेक्शन हो जाता है जिसके कारण वहां पस बन जाते हैं और इंफेक्शन की जगह बहुत तेज दर्द हो सकता है।ऐसे में एंटीबैक्‍टेरियल दवाओं की जरूरत पड़ती है।इतना कष्‍ट सहने से बेहतर है कि आप नाखून चबाना छोड़ दें।

02-जॉइंट प्रॉब्लम

गठिया या परमानेंट डिसैबिलिटीजब हम मुंह के अंदर लगातार नाखूनों ले जाते हैं तो पैरोनीशिया जैसी कई बैक्‍टीरिया शरीर में जाकर घातक साबित  हो सकते हैं और हाथ पैर के ज्‍वाइंट्स को प्रभावित कर सकते हैं।इसे सेप्टिक अर्थराइटिस भी कहते हैं जिसका इलाज आसान नहीं है। यही नहीं, यह परमानेंट डिसैबिलिटी का कारण भी बन सकता है।

03-नाखूनों पर असर

अगर आपको नाखून चबाने की बुरी आदत  है तो इसकी वजह से नाखून के अंदर के टिशू खराब हो सकते हैं जो परमानेंट डैमेज कर सकता है।कई बार इस आदत की वजह से नाखून बढ़ना बंद हो जाते हैं।अगर यह समस्‍या एक बार हुई तो इसे ठीक करना जैसे असंभव हो जाता है।

04- दांतों के लिए नुकसानदायक

जानकारी के मुताबिक पता चला है कि लोग जब नाखून चबाते हैं तो उनके सामने की दांतों में कई तरह की समस्‍या आ जाती है। इसकी वजह से दांत टूट सकते हैं, दांतों में दरारें आ सकतीं हैं और दांतों पर जिद्दी दाग भी जम सकते हैं। इससे दांतों के ढीले होने और गिरने का खतरा भी बन जाता है। यह आदत हमारी मसूड़ों को भी कमजोर कर सकती हैं।अगर बचपन में नाखून चबाने की आदत नहीं छोड़ी जाए तो दांत टेढ़े मेढ़े भी हो सकते हैं। दरअसल यह देखा गया है कि जब हम दांतों से नाखून को चबाते हैं तो इसके लिए एक या दो ही दांतों का प्रयोग करते हैं।इन्‍हीं दांतों से लगातार चबाने से दांत की पकड़ ढ़ीली पड़ जाती है और ये अपना शेप चेंज करने लगते हैं।बचपन की इसी आदत की वजह से बाद में दांतों पर ब्रेसिज पहनने की जरूरत पड़ती है।

07-डाइजेशन को करता है प्रभावित

नाखून चबाने की आदत से अगर मुंह में किसी तरह का बैक्‍टेरियल इंफेक्शन हुआ तो यहां से बैक्‍टेरिया पेट तक पहुंच सकते हैं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण हो सकता है। इसकी वजह से पेट में दर्द और दस्त की समस्या हो सकती है‌। इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं।

अगर आपको इस प्रकार की कोई बीमारी है तो पहले विशेषज्ञ से जानकारी ले।

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