शिवना शुद्धिकरण: संगठन ने लिया निर्णय, अब अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को कोरियर द्वारा भेजा जाएगा शिवना का गंदा पानी

 

शिवना शुद्धिकरण के लिए संगठन अपने कदम आगे बढ़ाता ही जा रहा है। संगठन का आंदोलन योजनाएं लाता जा रहा है। संगठन द्वारा एक अभियान चलाया गया है जिसको चलते हुए 21 दिन हो चुके हैं। अभी तक कुल 4500 लोग पोस्टकार्ड लिख चुके हैं लेकिन अभी तक प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही है। इसलिए अब संगठन ने अलग निर्णय लिया है कि जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों एवं सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों को कोरियर के माध्यम से शिवना नदी का गंदा पानी भेजा जाएगा ताकि उसको देख कर अधिकारियों को थोड़ी शर्म आ जाए।

समाजसेवी कई वर्षों से कर रहे हैं संघर्ष

शिवना नदी का मामला कई वर्षों से चला आ रहा है। प्रतिवर्ष इसके शुद्धिकरण के लिए प्रदेश के बजट में कुछ पैसा आता है लेकिन पता नहीं वह पैसा कहां चला जाता है। शिवना को फिर से अपने शुद्ध रूप में लाने के लिए कई समाजसेवी संस्थाओं के सदस्य कई वर्षों से प्रयास करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। कई प्रतिबंध लगाने के बाद एक बार फिर से नरम प्रशासन को उठाने के लिए पोस्टकार्ड अभियान चलाया जा रहा है। अभियान को चलते हुए लगभग एक महीना होने वाला है और लगभग 4500 से ज्यादा पोस्ट कार्ड देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और कलेक्टर को दिए जा चुके हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी अभी तक अधिकारियों द्वारा शिवना शुद्धिकरण के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। अभियान में एक भी ऐसा नेता नहीं है जो लोगों से वोट मांगता है। अभियान सिर्फ वोट देने वाले लोग ही कर रहे हैं इससे यह पता चलता है कि वह शिवना के बारे में क्या सोच रहे हैं।

अबकी बार शिवना नदी स्वच्छ होकर रहेगी

प्रशासन के इन्हीं कारणों की वजह से देश में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ते जा रहा है। लेकिन अब संगठन ने ठान लिया है कि अबकी बार शिवना नदी को शुद्ध करके ही शांत बैठेंगे। इसके लिए संगठन लगातार नए-नए अभियान चलाता ही जा रहा है। हमको भी शिवना नदी को गंदे होने से बचाना है और इस अभियान में अपना योगदान देना है। शिवना नदी धीरे-धीरे नाले का रूप लेती जा रही है जिसको होने से बचाना है। मैं भी लोगों तक शिवना नदी के बारे में हर जानकारी देता रहूंगा।

प्रशासन व नेताओं ने बंद कर रखी है आंखें

पिछले 3 सालों से भाजपा की सरकार ने प्रदेश में अपने पांव जमा रखे हैं और मंदसौर के विधायक भी पिछले 3 सालों से विधानसभा में काबिज है। इसके बाद भी शिवना दिन प्रतिदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही है और इस पर कोई ध्यान भी नहीं दे रहा है। यह बात यहां के राजनीतिक स्तर को दर्शाती है। इससे पता चलता है कि प्रशासन ने शिवना नदी से अपनी आंखें मोड़ ली है। लेकिन अब संगठन पीछे नहीं हटने वाला है और मैं संगठन के जज्बे को सलाम करता हूं की संगठन एक के बाद एक अभियान चलाता ही जा रहा है और अब की बार शिवना नदी को स्वच्छ करा कर ही मानेंगे।

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