फिलहाल में अफीम किसानों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है कि अफीम की खेती अब सरकार की बजाए निजी कंपनियां संभालेगी। इससे किसानों को काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए अब सभी अफीम किसानों संगठित होने की आवश्यकता है वरना धीरे धीरे अफीम की खेती बंद हो सकती है। सरकार ने सीपीएस पद्धति लागू करने की दिशा में बहुत बड़ा निर्णय लिया है कि अफीम की खेती निजी कंपनियों के हाथ में जा रही है। अगर अफीम की खेती निजी कंपनियों के हाथ आ जाएगी तो किसानों का काफी नुकसान हो सकता है। आखिर किसानों के साथ यह हो क्या रहा है।
सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है
भारत सरकार किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा कर रही है किसान किसान आंदोलन से भी सीख नहीं ले रहे हैं और संगठित नहीं हो रहे हैं।किसान बीजेपी और कांग्रेस में उलझे हुए हैं और किसानों के हाथ से रोजी-रोटी जा रही है इसलिए भारतीय अफीम किसान विकास समिति बहुत बड़ा आंदोलन करने जा रही है। अगर किसान एकजुट नहीं होंगे तो किसानों को ऐसे ही कई झटके मिल सकते हैं। इस आंदोलन में अफीम किसानों का सहयोग आवश्यक है फसल कटाई का काम चल रहा है फिर भी किसान अपना समय निकालकर 5 अप्रैल सोमवार को प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर महोदय को सभी अफीम किसान राष्ट्रपति महोदय के नाम से ज्ञापन देंगे और 1 दिन का धरना देंगे 6 अप्रैल मंगलवार को मंदसौर जिला कलेक्ट्री पर राष्ट्रपति महोदय के नाम से एक ज्ञापन देंगे और 1 दिन का धरना देंगे 7 अप्रैल नीमच जिला कलेक्ट्री पर धरना देकर राष्ट्रपति महोदय के नाम से ज्ञापन देंगे 8 अप्रैल गुरुवार को चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्ट्री पर 1 दिन का धरना देकर ज्ञापन देंगे कोरोना गाइड लाइट का पालन कर आंदोलन विधिवत चलाकर किसानों की बात दिल्ली तक पहुंचाएंगे।