बांसावाडा जिले में डीएसटी टीम ने अंबापुरा थाना के ग्राम झरनिया गांव में नकली शराब बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड किया है। शराब तस्कर ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली शराब बनाते थे और मंदसौर जिले में इसे भेजते थे और यहां इस शराब को बेचा जाता था।नकली शराब बनाने के मामले में मंदसौर जिले के पिपलियामंडी थाना क्षेत्र के ग्राम बरखेडा जयसिंह निवासी लोकेंद्रसिंह पिता दातारसिंह मास्टरमाईंड का नाम सामने आ रहा है।नकली शराब का अंतर्राज्यीय गिरोह है, इसमें डेढ दर्जन शराब तस्कर शामिल है, जिनकी पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।आंबापुरा थाने के झरनिया गांव में बांसवाड़ा पुलिस की डीएसटी टीमाें ने टीनशेड के टापरे में चल रही नकली शराब फैक्ट्री पकड़ी।
15 लाख रुपए की की गई शराब जब्त
तलाशी की जाने पर नामी ब्रांड के नाम से बनाई जा रही 143 कार्टुन और अन्य ब्रांड की 310 बाेतल बरामद की गई है। डिप्टी गजेंद्र सिंह ने बताया कि असली शराब ब्रांड की बाजार कीमत करीब 15 लाख रुपए आंकी जा रही है। फैक्ट्री मालिक वीरप्रतापसिंह उर्फ वीरू सिसाेदिया काे गिरफ्तार किया है। नकली शराब बनाने की इस फैक्ट्री के तार अंतरराज्यीय गिराेह से जुड़े हैं। रात 9 बजे 15 से 20 पुलिस जवानों की टीम झरनिया पहुंची। यहां एक व्यक्ति उन्हें देख भागने लगा। उसे पकड़कर पूछताछ की ताे खुद काे वीरप्रतापसिंह बताया। टीनशेड की तलाशी में विभिन्न ब्रांड की शराब की पेटियां मिली। एसपी ने टीम में शामिल रहे कार्मिकाें काे पुरस्कृत करने की घाेषणा की है।
किन-किन का मामले में हम रोल रहा है
टीम में आंबापुरा थानाधिकारी किरेंद्रसिंह, यातायात शाखा प्रभारी एसआई सचिन शर्मा, डीएसटी प्रभारी एसआई सुरेश बिजारनिया और डीएसटी प्रतापगढ़ टीम का अहम राेल रहा।झरनिया गांव ही क्यों… आसपास कोई आबादी नहीं, यहां से मध्यप्रदेश की सीमा केवल 20 मिनट दूर, कच्चा रास्ता इसलिए सप्लाई में किसी तरह का खतरा नहीं मानते है।आराेपी धर्मेंद्र और उसके साथी प्रतापगढ़ में नकली शराब बनाते थे लेकिन वहां पुलिस रेड से काम बंद हो गया। उन्होंने बांसवाड़ा में एमपी बाॅर्डर से लगता इलाका तलाशा। यहां वीरप्रताप से गाेदाम किराए लिया।वीरप्रतापसिंह के साथ एमपी के जावरा जिले के धनाेड़ा निवासी धर्मेंद्रसिंह सिसाेदिया और प्रतापगढ़ का भागीरथ भी है। धर्मेंद्र और लोकेंद्रसिंह पिता दातारसिंह निवासी बरखेडा जयसिंह थाना पिपलियामंडी जिला मंदसौर साथियाें काे नकली शराब बनाते थे और इसे खपाते थे।