पशुपतिनाथ की बावड़ी का 15 साल बाद किया जीर्णोद्धार, जल्द मंदिर में झरने व फव्वारे का सौंदर्य लौटेगा,लोग ले सकेंगे आनन्द
पशुपतिनाथ मंदिर में 15 साल बाद मंदिर प्रबन्धन ने बावड़ी के जीर्णोद्धार पर ध्यान दिया।अब जल्द ही मंदिर में झरने व फव्वारे का सौंदर्य लौटेगा।पिछले कई सालों से भक्त इसका आनन्द नही ले पा रहे हैं।पटवा सरकार के समय 1991-92 में पशुपतिनाथ मंदिर में विकास कार्य की शुरुआत हुई थी। तत्कालीन एसडीएम आशुतोष अवस्थी दारा रूचि लिए जाने पर उसी समय शाशन के सहयोग से पशुपतिनाथ मंदिर में बालाजी मंदिर एवं पुराने प्रवेश द्वार के पास बावड़ी जीर्णोद्धार कराकर बावड़ी में झरना व फव्वारे की शुरुआत की।
2005 में मास्टर प्लान तैयार किया गया था
पहले बड़ी संख्या में लोग फव्वारो को देखने पहुंचते थे। शाम को लोग इस का आनंद लेते थे। 2005 के आसपास तत्कालीन कलेक्टर अरविंद सारस्वत ने मंदिर विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया।इसके बाद मास्टर प्लान के अनुसार मंदिर प्रवेश द्वार को चंद्रपुरा रोड के सामने से पुराने चैनल गेट को बंद कर दिया गया था। इसके बाद बावड़ी के रखरखाव पर सही तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा था और इसके चलते हैं झरने व फव्वारे बंद हो गए। इसके बाद किसी भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
मंदिर विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए
प्रतिनिधियों ने मंदिर विकास के नाम पर करोड़ों रुपए हाल निर्माण, मंदिर में मार्बल लगवाने सहित अन्य कामों में खर्च कर दिया। अब जाकर मंदिर प्रबंधन ने बावड़ी का जीर्णोद्धार किया। मंदिर प्रबंधन ने बावड़ी की मरम्मत करवाई। मंदिर कर्मचारियों के माध्यम से सफाई करवाई गई। मंदिर प्रबंधन में कलर मंगवा कर रंग कर दिया है। बावड़ी में झरना शुरू करने के लिए खराब रखी पानी की मोटर को सुधारने के लिए भेज दिया गया है। मंदिर अधिकारी फव्वारे को जल्द सुधार कराने की बात कह रहे हैं। जिम्मेदारों के अनुसार 15 से 20 दिन में बावड़ी में धरना व फव्वारे की व्यवस्था शुरू हो जाएगी।