बीते दिनों सरकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल से सबक लेकर सरकार ने गेहूं खरीदने के लिए एक कठोर कदम उठाया है। निजी वेयरहाउस मालिकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के अधिकार मिल गए हैं। आप किसान निजी वेयरहाउस में भी गेहूं को समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। वेयर हाउस संचालकों को सरकार खरीदी के लिए ₹27 प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन देगी। मध्य प्रदेश स्टेट एंड लाजिस्टिग वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक जीएल परमार के अनुसार सरकारी समितियों के अलावा जिले के 90 वेयरहाउसो को खरीदी केंद्र बनाया जाएगा।
3000 टन भंडारण वाले वेयरहाउसों को चुना गया है
जिले में उन वेयर हाउस को चयनित किया गया है जिनकी क्षमता 3000 टन रिक्त है। वेयरहाउस के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांव के किसान अपने ऊपर उस वेयरहाउस में बेच सकेंगे। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि वेयरहाउस संचालक का खरीदी कर सकेंगे।गोदाम वेयरहाऊस कोरपोरेशन से पंजीकृत होना चाहिए। वहीं प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने पत्र जारी कर दिया है। हालाकि सरकारी समितियों पर खरीदी यथावत होगी ।
नई व्यवस्था से होंगे यह फायदे
सोसायटी कर्मचारियों की मनमानी हड़ताल से किसानों को राहत मिलेगी। हड़ताल के कारण उपज खरीदी प्रभाव नहीं होगी। निजी गोदामों पर किसानों को सरकारी गोदामों की अपेक्षा अच्छी व्यवस्था मिलेगी। इससे गोदाम मालिक को भी लाभ मिलेगा कि पहले तो समिति द्वारा खरीदी गई ऊपज से केवल किराया ही मिलता था। अब संचालक स्वयं उपज खरीदेंगे तो आर्थिक लाभ भी मिलेगा। गोदामों में समय भंडारण हो सकेगा। गोदाम खाली नहीं रहेंगे और भुगतान भी हो सकेगा। कर्मचारियों की कमी से हड़ताल पर असर नहीं रहेगा। गोदाम स्तर पर सीमित खरीदी होती है। उपार्जन केंद्रों से गेहूं परिवहन करके लाना पड़ता है। इससे समय और धन दोनों लगता है और इससे भी सरकार को छुटकारा मिला है।