सभी को पता है कि यह एक ऐसा समय है जब किसान की हर तरह की फसल पूरी तरह तैयार होकर खड़ी हो जाती है उसको बस निकालने की ही बात रह जाती है।अभी के समय में हर प्रकार की फसल तैयार हो गई है, कई जगह किसान अपनी फसलों को काटकर इकट्ठा कर लिए हैं और कुछ स्थानों पर फसल काटी जा रही है।लेकिन अचानक आई बारिश ने किसान साथियो के चेहरों पर मायूसी ला दी है, किसानो के मुह से मानो निवाला छीन गया हो। किसानों ने फसलों को काटकर इकट्ठा कर रखा था।
बारिश से कई फसलों का हुआ है नुकसान
बारिश की बड़ी बड़ी बूंदाबांदी के कारण किसानों की गेंहू, लहसुन, मेथी, रायड़ा, चना, इत्यादि फसलो को नुकसान पंहुचाया है। मौसम की खबर किसी को भी नहीं थी और ना ही मौसम विभाग ने संकेत दिए थे कि पानी आने की संभावना रहेगी। मौसम शिवरात्रि के दिन अचानक दोपहर के बाद बदल गया और आसमान में सभी तरफ काले बादल छा गए। शाम तक तो कई क्षेत्रों में पानी भी आ गया और बाकी बचे हुए क्षेत्रों में अगले बारिश हुई जिसके कारण किसानों की खड़ी फसल और किसानों द्वारा शक्ति की गई फसल का नुकसान हो गया है।
अफीम किसानों को हुआ है सबसे ज्यादा नुकसान
बारिश के कारण अफीम के कास्तकारों की तो मानो नय्या डुब ही गई है एक तरफ मौसम की मार से अफीम की फसल ठीक से नही हुई है और ऊपर से ये आपदा अफीम कास्तकारों के लिए घातक सिद्ध हुई है। पहले ही इस वर्ष सभी फसलों में तरह-तरह की बीमारियां आ रही है। और अब बारिश के कारण किसानों को एक और झटका लग गया। किसानों के हुए नुकसान की भरपाई होनी चाहिए शासन द्वारा किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। नारकोटिक्स विभाग को भी किसानों की मदद करनी चाहिए।