मंदसौर शिवना शुद्धिकरण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा ” निर्मल शिवना जल अभियान ” मैं रविवार को शिवना नदी में जल सत्याग्रह किया गया। इस दौरान उन्होंने आंखों पर पट्टी बांधकर रखें। शिवना शुद्धिकरण के लिए हर बार न जाने कितने पैसे आते हैं लेकिन कोई शुद्धीकरण नहीं दिख रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि और प्रशासन को न तो शिवना नदी की गंदगी दिख रही है और ना ही जल सत्याग्रह दिखाई दे रहा है।उन्होंने भगवान से जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना भी की है।
पिछले वर्ष भी किया गया था सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जल सत्याग्रह
शिवना शुद्धिकरण का अभियान न जाने कितने वर्षों से चल रहा है इसको लेकर पिछले साल भी सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शिवना नदी मे जल सत्याग्रह किया था लेकिन प्रतिनिधियों ने आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया। शिवना की हालत जैसी पिछले वर्ष थी वैसी ही अभी भी है। शिवना शुद्धिकरण की मांग को लेकर 3 सप्ताह से निर्मल शिवना जन अभियान चलाया जा रहा है।31 जनवरी व 7 फरवरी के रविवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिवना नदी के ठंडे पानी में खड़े होकर जल सत्याग्रह किया लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार ही नहीं है। रविवार को भी कोई जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी वहां पर नहीं पहुंचे। जल सत्याग्रह कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि शिवना नदी के लिए हमारे जनप्रतिनिधि सिर्फ लच्छेदार भाषण देते आ रहे हैं।उन्हें ना तो शिवना की हालत देख रही है और ना ही सत्यागाहियो का दर्द दिख रहा हैइसलिए हमने आंखों पर पट्टी बांधकर यह बताया है कि हमारे जनप्रतिनिधि और प्रशासन को कुछ नहीं दिख रहा है।
कार्यकर्ता शिवना नदी में 1 घंटे तक शिवना शुद्धिकरण के लिए नारे लगाते रहे
सामाजिक कार्यकर्ता शिवना नदी में 1 घंटे तक ठंडे पानी में खड़े रहकर शिवना शुद्धिकरण की मांग को लेकर नारे लगाते रहे लेकिन वहां पर कोई अधिकारी और प्रशासन नहीं पहुंचा। सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम तवर, अजीजउल्ला खान खालिद ,रमेश सोनी, सुनील बंसल, सत्येंद्र सिंह, विकास बसेर ,लता कुमावत ,हरिशंकर शर्मा ,कैलाश चौहान, जितेंद्र सिंह पवार ,केशव राम शिंदे जल सत्याग्रह में शामिल थे। इनकी यह मांगे हैं कि शिवना नदी में गंदे पानी को मिलने से रोका जाए। 15 दिन के लिए सभी मशीनें शिवना शुद्धिकरण के लिए लगाई जाए। शिवना नदी में हो रही खेती को प्रतिबंधित किया जाए। शिवना किनारे लगाए गए सुलभ शौचालय को तुरंत हटाया जाए। नदी की सुरक्षा के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।