मंदसौर पशुपतिनाथ मंदिर में 16 फरवरी बसंत पंचमी के दिन से 37 सो किलो का महाघंटा लगाया जा रहा है । बीते 2 वर्षों तक कामधेनु सेना संस्था द्वारा मंदसौर जिले के सभी गांव में घर -घर जाकर महाघंटे के निर्माण के लिए धन राशि सहित पीतल , तांबा आदि राशि एकत्रित की गई थी । जिसे बाद में निर्मान के लिए अहमदाबाद गुजरात भेजा गया था जिसके बाद अब यह 8 महीने बाद महाघंटा बनकर तैयार हुआ है जिसका वजन 3700 किलो है । अब इसे मंदसौर लाया गया इसके बाद कामधेनु सेना द्वारा उसकी पूजा की गई है ।
बसंत पंचमी के दिन हर्षोल्लास के साथ मंदसौर नगर में एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी जिसके बाद वह पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचेगी जहां इस घंटे को लगाया जाएगा इस महा घंटे के निर्माण में कई घरों से तांबा और पीतल एकत्रित कर दिया गया था और लगभग 21 लाख रुपए की धनराशि दी गई थी इस घंटे की खासियत यह है कि यह विश्व का सबसे बड़ा पहला ऐसा घंटा बना है जो मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में लगने जा रहा है और इस घंटे को आम बच्चा भी बजा सकता है ।
आइए जानते हैं घंटे की पूजा अर्चना कर रहे श्रद्धालुओं ने क्या कहा
सेवा समिति द्वारा गांव – गांव और घरों -घरों जाकर लोगों ने बड़े सेवा भाव से पितल दान किया ,मंदसौर क्षेत्र वासियों के लिए देश का सबसे बड़ा घंटा मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में लगने जा रहा है । इस महा घंटे का वजन 37 सो किलो है । वसंत पंचमी के दिन सुबह 11:00 बजे से एक विशाल यात्रा की शुरुआत यश नगर के रामेश्वरम मंदिर से होगी और मंदसौर नगर के विभिन्न स्थानों से भ्रमण करते हुए पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचेगी । सेवा समिति द्वारा कहा गया कि सभी मंदसौर शहर वासी शोभायात्रा में अवश्य पधारें क्योंकि घंटा मंदिर में स्थापित हो गया तो उसके बाद वह वहां से नहीं हिलेगा । इस शोभायात्रा मे पधारकर अवश्य आनंद ले ।