मंदसौर कृषि उपज मंडी में अस्थाई कर्मचारियों को व्यापारियों द्वारा हटाए जाने पर अस्थाई कर्मचारियों ने मंडी गेट बंद का धरना प्रदर्शन किया। मंडी सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया का कहना है कि इन कर्मचारियों को नियम के तहत नहीं रखा गया है और यह किसानों से माल भरने के रिश्तों को लेते हुए जिसको लेकर कई दिनों से उनकी शिकायत मिल रही थी जिसके पश्चात उन्हें काम से रोका गया है।
हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि हमें यहां से हटा दिया जाएगा तो हमें घर चलाने में परेशानी होगी और 40 मिनट तक अस्थाई कर्मचारियों द्वारा कृषि उपज मंडी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया है। 10 वर्षों से लगभग 75 कर्मचारी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं साथ ही मंडी व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के नेतृत्व में कर्मचारी नहीं मिले थे तो अस्थाई कर्मचारियों को रखा गया था। हममालो का भी कहना है कि अस्थाई कर्मचारियों को रोका जाना चाहिए।
विवरण के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कर साथ ही मंडी सचिव ने कहा कि लिखित में आवेदन देने के बाद वह मंडी व्यापारी और कर्मचारियों से चर्चा करेंगे। जिसके बाद सभी कर्मचारी वहां से चले गए।
हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि हम 2 रुपए कट्टे में माल भरते हैं ओर व्यापारियों का कहना है कि वह 1 1/2 रुपए कट्टे में ही माल भर है जिससे कि हमारी पुरती नहीं होती है। अगर आज हम कर्मचारियों को यहां से निकाल दिया जाएगा तो हम कहां जाएंगे काम करेंगे हम तो बेरोजगार हो जाएंगे हमारे घर कैसे चलेगा। हमारी मांग यह है कि चाहे व्यापारी माल भरा हो चाहे हमाल हरारे हम दो रुपैया करेंगे। साथ ही कहा कि अगर कोई मंडी में चोरी करे तो आप उन्हें भगाओ, उन्हें सजा दो। हम मुश्किल से मजदूरी करके पैसे कमाते हैं।