#मंदसौर:आदर्श नगर काॅलोनी में आम नागरिको की गाडी कमाई के प्लांटो से बेदखल करने का प्रयास

 

इस मामले में दोषी तहसीलदार एवं पटवारी पर कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए । इनके द्वारा किया गया गलत नामांतरण तत्काल निरस्त हो जाना चाहिए।इस तरफ मन्दसौर में तरह-तरह के माफिया को पकड़ने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन इधर दिन पर दिन माफिया और बढ़ते जा रहे हैं। शिवराज सरकार से बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा है। इन पर स्पष्ट कार्यवाही होना चाहिए।

जमीन को हड़पने की पूरी कोशिश की गई

 एक तरफ प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चैहान माफिया अभियान के नाम पर अपनी छवि चमकाने की कोशिश कर रहे है वही दुसरी ओर उनके दल से जुडे बडे जनप्रतिनिधिगण एवं उनके परिवार आम नागरिको की जमीनो से बेदखल करने में कोई कसर बाकी नही छोड़ रहे हैं। मंदसौर में आदर्श नगर जो कि लगभग 1988 के उपरांत अस्तित्व में आया था प्लांटो के नामांतरण नही होेने के चलते पुनः भूमी को कृषि की बताकर हडपने की कोशिश की गयी है। सर्वे क्रमांक 470 कुल रकबा 0.9461 का पंजीयन केन्द्रीय मंत्री के परिवार के पक्ष में करने के लिये मृतक जो कि पूर्व में भूमी का स्वामी था उसके परिवार के पक्ष में नामांतरण कर दिया है। जबकी उक्त भूमी पर टीएनसी से अर्पूड काॅलोनी का निर्माण होने के बावजुद रिकार्ड में संशोधन नही होने का लाभ उठाने की कोशिश की गयी है।

आदर्श नगर कॉलोनी का मामला क्या है

 इंटक अध्यक्ष सुरेश भाटी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह बात कही। उन्होनें कहा कि आदर्श नगर काॅलोनी कई समय पहले से ही विकसित होकर अस्तित्व मे है। वर्तमान में इस काॅलोनी में अनेक मकान निर्मित होने के साथ ही पुरी काॅलोनी बिक चुकी है लेकिन प्लांटो का नामांतरण करवाने के मामले में ध्यान नही देने एवं राजस्व रिकार्ड में नाम पूर्व का दर्ज होेने का लाभ उठाकर पूर्व के मृतक भू-स्वामियो के परिवारजनो ने भूमी का विक्रय लेख केन्द्रीय मंत्री के परिवार एवं एक अन्य भिंड निवासी के साथ करते हुये विक्रय से पूर्व अपने पक्ष में नामांतरण करवा लिया। जिस प्रकार से भूमी के कृषि के रूप में नामांतरण का मामला सामने आया है उससे साफ होता है कि पुरे मामले में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियो ने निश्चित रूप से अधिकारियो पर दबाव बनाया जिसके चलते काॅलोनी की भूमी कृषि के रूप में दर्ज हो गयी।

       

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