पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को किशनगढ़ एयरपोर्ट पर लाइन में लगकर राहुल गांधी से मिलना पड़ा।

 

 नहीं हो सका राहुल का ट्रेक्टर मार्च। कांग्रेस के नेताओं ने सभा को ही ट्रेक्टर रैली कह दिया।अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी यदि 500 ट्रेक्टर और 10 हजार पशुपालक नहीं भेजते तो राहुल गांधी की सभा सुनी रह जाती।राहुल गांधी ने भी चलाया ट्रेक्टर। राहुल गांधी ने कहा कि देश का किसान अब जाग चुका है।कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन 13 फरवरी को अजमेर और नागौर जिले में रहे। राहुल गांधी सूरतगढ़ से विशेष विमान से अजमेर के किशनगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंचे।

कौन-कौन नेता इसमें शामिल थे

कार्यक्रम में राहुल के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी महासचिव अजय माकन, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल थे। राहुल गांधी से मिलने के लिए एयरपोर्ट पर ही मंत्रियों और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की लाइन बना ली गई थी। इसी लाइन में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को भी खड़ा होना पड़ा। राहुल गांधी ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया। राहुल गांधी ने किसी से बातें भी नहीं की। किशनगढ़ एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर राहुल गांधी ने लोगों से बातचीत भी की।उसके बाद राहुल गांधी किशनगढ़ से सुरसुरा स्थित वीर तेजाजी के मंदिर पहुंचे। कार के अंदर राहुल गांधी के साथ सीएम गहलोत ही मौजूद थे।

राहुल गांधी का ट्रैक्टर मार्च नहीं हो सका

राहुल गांधी के आगमन के पहले कहा गया था कि ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा लेकिन 13 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च नहीं हुआ। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जो सभा हुई है वही ट्रैक्टर मार्च के समान है। राहुल गांधी इस सभा में पूरी तरह से ग्रामीणों की तरह नजर आए। इस बार राहुल गांधी ने राजस्थानी साफा पहन कर सभा को संबोधित किया। सभा में मौजूद सभी श्रोता ट्रैक्टर में बैठे हुए थे।मंच भी दो तीन ट्रैक्टर को जोड़कर बनाया गया था।इस सभा को अकेले राहुल गांधी ने संबोधित किया। सीएम अशोक गहलोत और एक दो नेता ही ट्रेक्टर पर देखे गए। सभी नेताओं को मंच से दूर रखा गया था। आरएलपी के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी किसानों की चिंता तो जताते हैं, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव के दौरान जो वायदे किए उन्हें अभी तक राजस्थान में पूरा नहीं किया है। न तो किसानों की सम्पूर्ण कर्जा माफी हुई और न ही बेरोजगारों को 3500 रुपए का मासिक भत्ता मिला शुरू हुआ है। 

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