उत्तर भारत का असर मालवा पर हो रहा है। इसी कारण लगातार ठंड का असर बढ़ता जा रहा है।जाती हुई शीत ऋतु भी उग्र तेवर दिखा रही है और इसी के कारण हर कोई कांप रहा है। खेतों पर जमा बर्फ के साथ फसलों पर संकट मंडराने लगा है। इसी से किसानों की उम्मीदों को झटका लगने लगा है। इसी शीत ऋतु के दौर में पूर्व में गिरे पाले के साथ ओलावृष्टि के बाद फिर पाला और मावठे की बारिश का जिले में असर रहा।किसान भले ही फसलों में नुकसान से चिंतित है लेकिन अब तक सर्वे के नाम पर कुछ नहीं हुआ है और राहत की मांग अब तक खाली है।
बदलते मौसम से पड रहा है फसलों पर गहरा असर
बदलते मौसम के कारण किसानों की फसलों पर गहरा असर पड़ रहा है। दिन के साथ रात का तापमान भी लूढकने के कारण ठंड का असर जिले भर में अधिक हो रहा है। खेतों पर खड़ी धनिया की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है।बाज खेड़ी प्रतिनिधि के अनुसार जिले में अधिक ठंड होने के कारण फिर से किसानों की चिंता बढ़ गई। खेतों पर और फसलों पर बर्फ की परत जम गई है जिससे फसल ठंड से प्रभावित हो रही है। सुबह 9:00 बजे तक लोग गांव में अलाव जलाकर रह रहे हैं। गांव बाज खेड़ी में भी खेतों पर बर्फ की परत जम गई है। किसानों का कहना है कि ज्यादा ठंड गिरने से खेतों में बर्फ जम रही है और बची कुची फसल भी नष्ट होने लगी है।
सुबह से लेकर शाम तक लेना पड़ रहा है गर्म कपड़ों का सहारा
ठंड इतनी बढ़ गई है कि लोगों को सुबह से लेकर शाम तक गर्म कपड़े और अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। गांव डी गांव माली में भी लोग जगह-जगह अलाव लगाकर अलाव का सहारा लेते रहे हैं। पिछले 1 सप्ताह से ठंड का असर अधिक होने से हर कोई ठंड से कांप रहा है। ठंड के बढ़ने का कारण उत्तर भारत का मालवा पर असर पड़ना है। पहले हुए नुकसान पर राहत का तो पता ही नहीं और अब फिर से फसलों पर पाले का संकट मंडराने लग गया है। निंबोद गांव में शनिवार सुबह 3:00 से 4:00 के बीच जोरदार पाला गिरा। इससे फसल फिर से सहम हो गई और पूर्व में गांव में गिरे पाले और ओलावृष्टि से किसानों को अब तक राहत नहीं मिली और अब फिर से पाले का संकट फसलों पर मंडराने लग गया है। किसानों ने बताया कि इस समय पूरी तरह गेहूं एव चना फूल तथा पुलिया में लदालद हो रही है इस समय पाला गिरने की वजह से बड़ा नुकसान हो गया है।