दाऊद खेड़ी पंचायत में अवैध वसूली कर फर्जी पट्टे दिए तो राजस्व विभाग ने कर दिया बेघर, रहवासियों ने बताई पीड़ा, मामला 6 किलोमीटर दूर दौलतपुरा की गोचर भूमि से हटाए अतिक्रमण का

 

पिछले हफ्ते दौलतपुरा में गोचर भूमि का हवाला देकर प्रशासन ने यहां निर्माणाधीन मकानों पर बुलडोजर चला दिया। करवाई के बाद खुले में रह रही नसीम, गुलजार बी, रानू भी, परवीन, जेनब भी, यासमीन और अकेला भी का कहना है कि समूह लोन लिया पट्टे के नाम पर सरपंच सचिव को रुपए भी दिए।जैसे तैसे चारदीवारी हमने खड़ी की थी वह भी आंखों के सामने तोड़ दी गई। हमने यह चारदीवारी लोन लेकर बनाई थी और हमारी आंखों के सामने है मशीन द्वारा जमीन में मिला दिया गया। अब हम को खुले में गुजर-बसर करना पड़ रहा है।

आखिर मामला क्या हुआ

शहर से 6 किलोमीटर दूर दौलतपुरा की यह खबर है। गुलजार बी के घर पर तो चूल्हा तक नहीं था, वह परवीन बी के यहां टीन की आड़ में बने चूल्हे पर मेथी की सब्जी बना रही थी। जेनब ने कहा कि उसी दिन अफसर लोग आए और अचानक मकानों पर मशीनें चला दी और थोड़ी ही देर में सब को तहस-नहस कर दिया। हम वजह जानने लगे तो लेडीस पुलिस ने मुंह बंद कर दिया। और हम को घटनास्थल से खींच कर दूर ले गए। मार्च 2020 में दाऊद खेड़ी पंचायत में करीब 20 लोगों को प्रमाण पत्र दिए।रहवासियों का आरोप है कि सरपंच सचिव ने दो ₹200000 लेकर कहा कि यह मकान का पट्टा है और राशि पंचायत के खाते में जमा होगी। जबकि निवास का प्रमाण पत्र दे दिया गया था।यहां सरपंच राधेश्याम चौहान है जो पूर्व में सरपंच रहकर ऐसे कारनामे कर चुका है। तत्कालीन सचिव ओम प्रकाश अहिरवार का कहना है कि मजदूरी करने वाले भला कैसे दो ₹200000 देंगे।इन लोगों ने समूह लोन के लिए पंचायत का प्रमाण पत्र मांगा जो इन्हें दे दिया।

सरपंच-सचिव पर किया जाएगा प्रकरण दर्ज

तहसीलदार मुकेश सोनी के अनुसार सरपंच सचिव पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इन्होंने अवैध तरीके से राशि वसूली है इसलिए उन्हें जेल भेजा जाएगा। दाऊद खेड़ी पंचायत में रहवासियों के पेयजल की सुविधा के लिए इसी जमीन पर कुआं भी खुद वाया है। हाल ही में बोरवेल भी लगाया गया लेकिन उसमें से पानी नहीं निकला। यदि जमीन राजस्व की है तो पंचायत में विकास के कार्य कैसे करवा दिए। सचिव कन्हैयालाल कुमावत का कहना है कि मुझे दाऊद खेड़ी का 4 महीने पहले ही मिला है। ओम प्रकाश अहिरवार से मैंने चार्ज लिया था। मुझे चार्ज में पट्टे संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी। हां लेकिन लीगल पट्टों में कोई राशि नहीं ली जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *