किसानों द्वारा नए किसी कानून के विरोध में उसे वापस लेने के लिए सरकार का विरोध किया जा रहा है इसको लेकर किसान द्वारा धरना प्रदर्शन दिया जा रहा है किसान 60 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं ।
कुछ दिनों पहले किसानों ने ऐलान किया था कि 26 जनवरी की दिन ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे जिसके बाद 26 जनवरी के दिन किसानों द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकाला गया था और उस दिन उनके द्वारा निंदनीय हरकत की गई थी जिसे पूरा देश शर्मिंदा हुआ है । अब किसानों ने आने वाले 6 फरवरी के लिए चक्का जाम करने का ऐलान किया है ।
किसानों द्वारा कहा गया कि किसान 6 फरवरी के दिन दोपहर 12 से 3 तक कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश में चक्का जाम करेंगे । 30 जनवरी के दिन किसानों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत के दिन पूरे दिन का उपवास रखा था और विरोध प्रदर्शन किया था ।
सरकार और किसानों के बीच हुई वार्ता भी बेनतीजा रही ।
अब तक सरकार और किसानों के बीच 11वीं दौर की वार्ता हो चुकी है जिसमें अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है सरकार का कहना है कि हम बातचीत के लिए तैयार है किसान चाहे तो कभी भी सरकार से बातचीत कर सकते हैं और इस बिल मैं अगर कोई संशोधन करना हो तो उसके लिए तैयार है । कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि नए कृषि कानून को एक से डेढ़ साल तक के लिए वापस लिया जाएगा लेकिन एमएसपी को लेकर कोई बदलाव नहीं करेंगे ।
किसानों द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
किसानों ने कहा कि 26 जनवरी के दिन गैरकानूनी रूप से किसानों के ऊपर केस दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि 26 जनवरी के दिन जिन किसानों को हिरासत में लिया गया है उन्हें रिहा किया जाए वह पुलिस द्वारा जो सिंधु ,गाजापुर ,टिकरी बॉर्डर पर जबरदस्ती किसानों को वहां से हटाया है वह पूर्ण रूप से गैरकानूनी है । जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें कोर्ट में भी पेश नहीं किया गया है यह भी कानून के खिलाफ है जिसमें कोर्ट द्वारा आदेश दिया जाए कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए ।