माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल द्वारा परीक्षाओं पर एक और फैसला लिया गया है की स्कूल द्वारा रिजल्ट जितना खराब दिया जाएगा उस स्कूल के प्राचार्य को उसके हिसाब से दंड भी दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल ने आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे परिणाम के लिए शिक्षा विभाग ने टारगेट सेट कर दिए हैं। परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित भी किया जाएगा और जिन स्कूलों का रिजल्ट सबसे खराब होगा उनके प्राचार्य को दंड भी दिया जाएगा।
निर्धारित लक्ष्य में 10% की छूट दी जाएगी
शिक्षा विभाग की ओर से यह फायदा लिया गया है कि निर्धारित लक्ष्य में अगर 10% तक की कमी रह जाएगी तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। और इसके बाद क्रमबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी।10 से 20 फीसदी की कमी होने पर एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाएगी।21 से 40 फीसदी की कमी होने पर दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाएगी। 40 फीसदी से अधिक कमी होने पर विभागीय जांच संस्थापित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
गत वर्ष राज्य स्तरीय औसत से परिणाम कम नहीं होगा
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि पास प्रतिशत का लक्ष्य किसी भी स्थिति में पिछले वर्ष के राज्य स्तरीय औसत परिणाम से कम नहीं होना चाहिए। इसमें 9वी से 59% होना चाहिए। दसवीं में 64% होना चाहिए। 11वीं में 81% और बाहरवी मैं केवल 73% होना चाहिए। राज्य औसत से पूर्व से ही परीक्षा परिणाम होने पर न्यूनतम 5 फिसदी वृद्धि का लक्ष्य रखना होगा। लक्ष्य पूर्ण करने पर संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य एवं शिक्षकों को उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए समारोह पूर्वक प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
लक्ष्य निर्धारण करके 25 जनवरी तक भेजना होगा
विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट 25 जनवरी तक मांगी है। साथ ही निर्देशों में प्राचार्य को क्लास में पढ़ाने, संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण समेत अन्य विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। रिवीजन टेस्ट में खराब प्रदर्शन करने वाले और पिछले साल 40% से कम रिजल्ट लाने वाले स्कूलों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।30 अप्रैल से माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा शुरू हो जाएगी। नवमी और ग्यारहवीं की परीक्षा की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है।