मंदसौर लगभग 60 साल पहले बनकर तैयार हुए गांधी सागर बांध के बैक वाटर में अब जाकर जल पर्यटन की तैयारियां शुरू हो रही है।लगभग 65 वर्ग किलोमीटर झील में भरी अथाह जलराशि का उपयोग पर्यटन के लिए करने की योजना तैयार है। सब कुछ ठीक रहा तो सिर्फ एक माह में बैकवॉटर के एक छोर पर बसे संजीत से गांधी सागर के लिए क्रूज़ से यात्रा शुरू हो जाएगी। जल्द ही मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की टीम और संभावनाएं तलाशेगी। इधर संजीत में बैकवॉटर के बीच बनी पुरानी कचहरी को संवारकर कर पर्यटन स्थल बनाने के लिए 34 लाख 24 हजार रुपैया के निर्माण भी शुरू कर दिए हैं।
पर्यटन विकास निगम और भी संभावनाएं खोज रहा है
गांधी सागर जलाशय निर्माण में अविभाजित मंदसौर जिले में काफी कुछ खोया है पर उस लिहाज से जिले को फायदा नहीं मिला। अब जाकर गांधी सागर जलाशय में जल पर्यटन की संभावनाएं तलाशी जा रही है। कलेक्टर मनोज पुष्प ने अभी पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों से बातचीत भी की है और सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 1 माह के अंदर संजीत से गांधी सागर तक आने जाने के लिए क्रूज़ आरंभ हो जाएगा।
जल परिवहन बढ़ाने के साथ गांधी सागर की दूरी होगी कम
अभी सड़क मार्ग से मंदसौर जिला मुख्यालय से गांधी सागर की दूरी लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर है।संजीत क्षेत्र से यह दूरी और भी ज्यादा है जबकि मंदसौर से संजीत की दूरी 25 किलोमीटर है। और यहां से जल मार्ग से गांधी सागर की अधिकतम दूरी 50 से 60 किलोमीटर होगी।गांधी सागर जलाशय के बैकवाटर में कुज चलने से आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का तो आनंद मिलेगा ही साथ ही जिले की कई प्राचीन धरोहरों को भी लोग देख सकेंगे।
पुरानी कचहरी पर लगाएंगे 1250 पौधे, नक्षत्र गार्डन भी तैयार होगा
संजीत क्षेत्र में स्थित पुरानी कचहरी के टापू पर पहुंचने के लिए मनरेगा के माध्यम से संजीत की मुख्य सड़क से जोड़ा जा रहा है।यहां परिसर की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वाल और बाउंड्री वाल के आगे पत्थरों की पिचिंग वॉल भी बनाई जा रही है। मैदान का समतलीकरण कर इस टापू पर 1250 पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए झूले और गार्डन तैयार भी किया जाएगा। तब्बू के पास ही बोट जेट्टी भी बनाया जाएगा।