मंदसौर पश्चिम रेलवे के मुंबई मुख्यालय से आए महाप्रबंधक आलोक कंसल ने शुक्रवार को मंदसौर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी रतलाम नीमच दोहरीकरण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। हमारा लक्ष्य 2022 तक चित्तौड़गढ़ नीमच दोहरीकरण पूरा करने का है उसके बाद इस पर विचार किया जाएगा और कार्य शुरू किया जाएगा।वहीं मिड इंडिया अंडर ब्रिज के लिए गेंद पूरी तरह नगरपालिका के पाले में डाल दी गई है।
अंडर ब्रिज आवागमन शुरू करने के लिए नपा को 1.75 करोड रुपए जमा करवाने होंगे
अगर नगर पालिका अभी एक करोड़ 75 लाख रुपए जमा करवा देती है तो रेलवे जून महीने तक अंदर ब्रिज में आवागमन शुरू कर देगा।पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक आलोक कंसल शुक्रवार को मंदसौर दौरे पर आए थे उन्होंने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए। मिड इन इंडिया अंडर ब्रिज और संजीत मार्ग फाटक और सीतामऊ फाटक ब्रिज निर्माण कार्यों के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली गई। महाप्रबंधक श्री कंसल करीब 1 घंटे तक यहां पर रुके।उन्होंने इस दौरान भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन भी किए। इनके दौरे को लेकर रेलवे के अधिकारी पहले से ही सतर्क थे।
रेलवे स्टेशन पर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया था
मंदसौर रेलवे स्टेशन पर पहले से ही अधिकारी सतर्क हो गए थे और सभी व्यवस्थाएं भी दुरुस्त कर दी गई थी। दोपहर 12:30 बजे महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन से मंदसौर स्टेशन पर पहुंचे। यहां से भगवान पशुपतिनाथ दर्शन के लिए पहुंचे। फिर से वह स्टेशन पर पहुंचे और स्टेशन का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखा।इस दौरान पत्रकारों से चर्चा में महाप्रबंधक आलोक कंसल नेक्स्ट कोरोनावायरस ए अब तक जेलों के संचालन और आगामी योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।उन्होंने कहा कि रतलाम मंडल के स्टेशनों का निरीक्षण किया जा रहा है। स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है।यात्री सुविधाओं को देखते हुए यह विचार किया गया है कि यात्रियों के लिए सुविधा कैसे बढ़ाई जाए।
मंदसौर नीमच रतलाम दोहरीकरण की डीपीआर तैयार
रतलाम चित्तौड़गढ़ दोहरीकरण का प्रोजेक्ट पूरा होने में अभी समय बाकी है।जीएम आलोक कंसल ने बताया कि अभी पहले चरण में चंदेरिया से नीमच तक का कार्य स्वीकृत होने के बाद पूरा होने को है। चंदेरिया से निंबाहेड़ा तक का कार्य पूरा हो गया है। निंबाहेड़ा से नीमच के बीच का कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2022 तक है। जून 2022 तक इसे पूरा करने की कोशिश पूरी की जा रही है। इसकी डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। भविष्य में पूरा रेलमार्ग दोहरीकृत हो जाएगा।