कोरोना काल के चलते महाकाल के भक्त महाकाल के दर्शन को लेकर काफी दिनों से घबरा रहे थे लेकिन अब महाकाल के भक्त ज्योतिर्लिंग के दर्शन आराम से कर सकेंगे। उज्जैन महाकाल मंदिर में कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। अब 8 स्लाट में 28000 भक्तों को प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे, वहीं 30 31 दिसंबर और नए साल के पहले 2 दिन मंदिर में सिंहस्थ महापर्व की तरह दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी।
किन चीजों पर रहेगी प्रतिबंधता
बैठक में यह फैसला लिया गया कि इसके तहत दर्शनार्थियों को नंदीहाल में भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। नंदीहाल के पीछे बैरिकेडिंग से चलायमान दर्शन व्यवस्था रहेगी। वीआईपी श्रद्धालु भी श्री गणेश मंडपम के प्रथम बैरिकेड से दर्शन करेंगे। मंदिर में दर्शन के लिए समय बढ़ा दिया गया है जिसमें रात की 9:00 बजे को नहीं बल्कि अब 10:00 बजे तक भक्त महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। महाकाल गर्भ ग्रह में प्रवेश प्रतिबंध रखा गया है।
कुछ व्यवस्थाएं जोड़ी भी गई है
अनलाक के बाद से मंदिर में अग्रिम बुकिंग के आधार पर भक्तों को दर्शन करवाए जा रहे थे। अब तक 8 स्लाट से 9000 भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जा रही थी। प्रत्येक स्लाट से लगभग 1200 भक्त दर्शन के लिए प्रवेश कर रहे थे। लेकिन अब धीरे-धीरे भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है इसी को ध्यान में रखते हुए बैठक में फैसला लिया गया कि अब प्रत्येक स्लॉट में 3500 भक्तों को दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। बुधवार से इस नई व्यवस्था का भक्तों को लाभ मिल चुका है।
भस्मारती दर्शन की अनुमति नहीं रहेगी
4 दिन मंदिर में सिंहस्थ महापर्व की तरह व्यवस्था रहेगी। इस दौरान किसी भी भक्तों को नंदीहाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। चला ईमान दर्शन व्यवस्था के तहत वीआईपी भक्तों को भी गणेश मंडपम के प्रथम बेरीकेडिंग से दर्शन कराए जाएंगे। फिलहाल भस्म आरती और शयन आरती दर्शन पर प्रतिबंध है। कोई भी भक्त इन दो प्रमुख आरतियों के दर्शन नहीं कर सकेगा। प्रोटोकॉल व्यवस्था को भी यथावत रखा गया है।