आजकल किसी भी शासकीय कार्यालय में सबसे बड़ी समस्या यह है कि फाइलों का एक टेबल से दूसरी टेबल तक की दूरी तय करने में हफ्ते से महीनों तक का समय लग जाता है। इसी सिस्टम के चलते अधिकांश कार्यालयों में लोग परेशान होते रहते हैं, लेकिन उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ती है और उन्हें रोज कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई लोग इन चीजों पर विवाद उठाते भी है लेकिन इन पर कोई ध्यान नहीं देता है और फिर से वही सिस्टम चालू हो जाता है।
कलेक्टर कार्यालय में बनेगा फाइल ट्रैकिंग सिस्टम
इन सब समस्याओं का समाधान अब निकलने ही वाला है। मंदसौर में अब कलेक्टर कार्यालय में फाइल ट्रैकिंग सिस्टम चलाया जा रहा है। जिसमें जिले में चल रही हर फाइल पर नजर रहेगी। पूरा कार्यालय में कौन सी फाइल कौन सी टेबल पर पड़ी है, यह सब एक क्लिक पर ही पता चल जाएगा। साथ ही फाईल की समय सीमा भी तय की जाएगी कि कीस फाइल को कितने समय में आगे बढ़ाना है। सीमित समय से अगर ज्यादा समय लगा तो संबंधित से सवाल-जवाब भी किए जाएंगे। हर फाइल का अपना बारकोड होगा और उसके नंबर से वह कंप्यूटर में चलेगी।
1 फरवरी से सिस्टम काम करना चालू कर देगा
अच्छी बात यह है कि 1 फरवरी से ही कलेक्टर कार्यालय में यह सिस्टम काम करना चालू कर देगा। पहली बार कलेक्टर कार्यालय में फाइल ट्रैकिंग का सिस्टम चलाया जा रहा है। कार्यालय के सभी कंप्यूटर को इस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इसमें हर फाइल को एक बार कोड दिया जाएगा और उसे सबसे पहली टेबल से ही एफटीएस में फीड किया जाएगा। फिर फाइल इसी बारकोड के आधार पर ट्रेस की जाएगी। फाइल टेबल पर कितनी देर से रुकनी है यहां भी सिस्टम से ही तय किया जाएगा। हालांकि इसमें यह तय नहीं है कि पहले से चल रही फाइलों का क्या किया जाएगा। इसके बाद हर फाइल पर नजर रखना आसान हो जाएगी।
24 घंटे का भी समय रहेगा फाइल आगे बढ़ाने के लिए
कलेक्टर कार्यालय की कई शाखाओं में भेजी जाने वाली फाइलो के एक टेबल पर रुकने के लिए 24 घंटे से 2 दिन का समय भी तय किया गया है। जब फाइल पहली टेबल से चलेगी तो उसी समय तय किया जाएगा कि यह अगले बाबू तक पहुंचने में कितना समय लगाना पड़ेगा। इससे कम समय में आगे बढ़ाने वाले बाबुओं की ग्रेडिंग भी की जाएगी। वही बिना कारण के फाइल रोकने वाले बाबुओ से जवाब और कार्यवाही भी की जाएगी।