विश्व विख्यात मंदसौर पशुपतिनाथ मंदिर में प्रति वर्ष कार्तिक मास की पूनम को मेले का आयोजन किया जाता है लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते मेले का आयोजन नहीं किया गया जिससे मेला परिसर की जगह पर दूर गांव से आए लोगों ने अपनी अवैध झोपड़ीया बना दी । और वहां वह कई समय से रहने लग गए।
कुछ दिनों पहले पशुपतिनाथ मंदिर के समीप संस्कृत पाठशाला के समीप कुछ बनी गुमटियों के ताले तोड़ने की सूचनाएं थी । ओर वहां से चोरी हो गई थी । जिसके बाद पशुपतिनाथ मंदिर की कैमरे मैं झोपड़ियों से आते जाते हुए लोग कैमरे में दिखाई दे रहे थे । तत्पश्चात मंदिर परिसर द्वारा कार्रवाई करते हुए वहां से झोपड़ियों को हटा दिया गया ।
स्थानीय पार्षद पति ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मंदिर परिषद को केवल गरीबों की झोपड़िया दिख रही है उनके पास मेला ग्राउंड पर सट्टा चल रहा है वह उनको नहीं दिख रहा है । वहां पर लोग खुलेआम गुल्ली डंडा खेल रहे हैं , सरेआम मंदिर में युवकों द्वारा महिला को पीटा जाता है उसमें मंदिर की सुरक्षा गार्ड द्वारा कुछ नहीं किया गया और गरीबों की झोपड़ी हटाई जा रही है ।
मंदिर परिषद का कहना है कि कुछ दिनों पहले दुकानदारों की दुकान में से चोरी हो गई थी वह कैमरे में साफ दिखाई दे रहा था कि कुछ लोग झोपड़ीयो में से निकल कर आए हैं और उनके द्वारा मेला परिषद की जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा था । जिसके बाद तहसीलदार को इस बात से अवगत कराया गया और उनके द्वारा निर्देशित करने के पश्चात यहां से अतिक्रमण हटाए गए हैं ।