मंदसौर न्यूज़ ; मंदसौर जिले के भानपुरा के गांव लौटखेड़ी के एक नाबालिक 12 वर्षीय युवक ने मोबाइल गेमिंग के चक्कर में खुदकुशी कर ली ।
भानपुरा के लोटखेड़ी का यह शुभम अपने मोबाइल में पब्जी गेम खेल रहा था जिसके बाद परिवार वालों द्वारा उसे मना किया तो उसने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया और फिर दरवाजा खोलने को कहा तो नहीं खोला तो दरवाजे को तोड़ा गया जिसके बाद पता चला कि उसने खुदकुशी कर ली जिसके बाद घर वालों द्वारा उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया उसके बाद डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिवार वालों को दे दिया ।
देश में सरकार ने पब्जी गेम को बंद करने के बाद भी ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिससे भविष्य के युवाओं का जीवन खतरे में पड़ रहा है आज कल के युवा लगभग 18 से 20 घंटे मोबाइल में ही लगें रहते हैं । सरकार को ऐसे गेम पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।
आइए जानते हैं भानपुरा थाना प्रभारी का इस मामले में क्या कहना है
थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव का कहना है कि भानपुरा के गांव लोटखेड़ी में कल एक जोशी परिवार के 12 साल के युवक ने जो अपने परिवार का इकलौता पुत्र था उसने वीडियो गेम की बात को लेकर आत्महत्या कर ली । पुलिस द्वारा जांच में पता चला कि उसके माता-पिता ने उसे वीडियो गेम खेलने से मना करने पर उसने कमरे में अपने आप को बंद कर लिया और परिवार वालों द्वारा दरवाजा खोलने को कहा तो उसके द्वारा दरवाजा नहीं खोला गया तो घर वालों ने दरवाजे को तोड़ दिया उसके बाद पता चला कि उसने खुद को रस्सी से हैंगिंग कर लिया ।
थाना प्रभारी ने कहा कि जो परिवार वाले अपने छोटे बच्चे को मोबाइल देते हैं दो-तीन साल के बच्चे भी आज मोबाइल आसानी से चला लेते हैं । माता पिता अभी पुत्र को मोबाइल देकर चुप करा देते हैं ताकि वह उन्हें परेशान ना करें और चुपचाप बैठा रहे लेकिन बाद में धीरे-धीरे वह उसकी जरूरत हो जाता है । लोक डाउन के कारण स्टूडेंट अपना अध्ययन मोबाइल पर ही कर रहे हैं । आजकल के बच्चे 18 से 20 घंटे तक मोबाइल को आसानी से यूज करते हैं जिससे उनका सोशलाइजेशन होने लगता है और आंखें भी कमजोर हो जाती है । जिसका आगे विकास नहीं हो पाता है । मोबाइल का उपयोग अगर वह फालतू काम के लिए करें तो वह हानिकारक होगा और इसके आगे दुष्परिणाम होंगे ।