पिछले दिनों मंदसौर जिले में पाला तो गिरा ही है साथ ही ओलावृष्टि भी हुई और मावठे की बारिश भी हुई जिसमें किसानों का काफी नुकसान किया है। किसानों द्वारा जब राहत की मांग की गई तो प्रशासन द्वारा सर्वे भी चालू किया गया। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी विभाग जिले में नुकसान होने का आंकड़ा नहीं जुटा पाया और सिर्फ एक तहसील का नुकसान आगे भेज दिया गया।
कितना प्रतिशत नुकसान हुआ है इसका भी आंकड़ा नहीं है
अब तक जिले में रबी सीजन में किसानों की फसलों में कितना नुकसान हुआ, कितने गांव और किस फसल में अधिक नुकसान हुआ। इसकी रिपोर्ट का तो कोई अता पता ही नहीं है और तो और जिले में अब तक कितना प्रतिशत है नुकसान हुआ है इसकी भी रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं हुई है। विभाग सर्वे करने में भी ढिलाई कर रहा है और ना ही नुकसान की रिपोर्ट आगे भेज रहा है।
क्या रबी सीजन में भी जिले की झोली खाली रह जाएगी
दो कैबिनेट मंत्री वाले जिले और सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा ट्वीट से सीएम कृषि मंत्री से सर्वे के बाद राहत की मांग करने के बाद भी विभाग सर्वे कर नुकसानी की रिपोर्ट नहीं जुटा पाया है। ऐसे में खरीफ सीजन की नुकसानी में जिले की झोली खाली रहने के बाद अब रबी की फसल में भी झोली खाली रहने की संभावना बन रही है। जब नुकसानी की रिपोर्ट ही नहीं भेजी गई तो मुआवजा कहां से मिलेगा। अभी तक केवल 14 गांव के नुकसान की रिपोर्ट भेजी गई है। राजस्व विभाग को सर्वे हुआ नुकसानी की रिपोर्ट तैयार करना है। लेकिन अब तक इस पर काम नहीं हो पाया है, ऐसे में खेतों में पिछले दिनों पहुंचकर किया गया सर्वे नाकाम साबित हो रहा है।
सर्वे की औपचारिकता ने बढ़ाई किसानों की चिंता
पाला गिरने के साथ किसानों की राहत की मांग उठी तो राजस्व व कृषि विभाग के अमले ने खेतों पर पहुंचकर सर्वे तो शुरू किया लेकिन अब तक रिपोर्ट तैयार नहीं हुई। अब तक जिले में सिर्फ एक ही तहसील की रिपोर्ट तैयार हुई है। बाकी जगह अब तक सर्वे के नाम पर बस औपचारिकता का काम हुआ है। उसने कई दिनों से खेतों पर पहुंच रहा विभाग अमला रिपोर्ट ही तैयार नहीं कर पाया है। और राहत की आस लगाए बैठे किसानों की चिंता सर्वे की औपचारिकता ने बढ़ा दी है।