दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 2 महीनों से लाखों किसान बैठे हुए हैं और आंदोलन कर रहे हैं। किसानों द्वारा आंदोलन करने का कारण यह है कि किसान केंद्र द्वारा चलाए गए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान पिछले 2 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर ही अपने दिन रात गुजार रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की एक मांग यह भी है कि एमएसपी को कानूनी दर्जा भी दिया जाए।
कैबिनेट बैठक में लिया गया बड़ा फैसला
इसी आंदोलन के चलते पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया गया कि कोबरा की एमएसपी रेट को बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि ” बैठक में कोपरा निर्माण करने वाले किसानों के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है।”आज एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है कीमत ₹375 से ज्यादा बढ़ा कर 10335 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। इसकी लागत मूल्य ₹6805 हैं।
किसान कर रहे हैं तीनों कृषि कानूनों का विरोध
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोपरा को 10600 रुपए देने का फैसला लिया गया है। फैसला ऐसे वक्त लिया गया है जब दिल्ली के बॉर्डर पर लाखों किसान 2 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। किसान केंद्र सरकार द्वारा सितंबर के महीने में लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। इसके साथ किसान यह भी चाहते हैं कि एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाए।
किसानों की ट्रेक्टर रैली ने लिया उग्र रूप
किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली का आव्हान किया था लेकिन किसानों की उस ट्रैक्टर रेली ने उग्र रूप धारण कर लिया। दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर किसानों ने उत्पात मचाया। किसी किसी जगह तो पुलिस को बल उपयोग भी करना पड़ गया। आंदोलनकारियों ने पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी भी की। यहां तक कि कुछ किसान तो लाल किले पर भी पहुंच गए और वहां जाकर भी आंदोलन किया।