मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की लगभग 9 महीने बाद कैबिनेट की एक्चुअल बैठक हुई है जिसमें कई फैसलों पर मुहर लगी है । इस मीटिंग में मुख्यमंत्री सहित कई कैबिनेट मंत्री उपस्थित थे । बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वैक्सीन को लेकर 16 जनवरी से लगाए जा रहे टीकाकरण की शुरुआत को लेकर सभी तरह से तैयार और व्यवस्था को लेकर जायजा लेने को कहां है ।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने नए साल के उपलक्ष्य में भारत की दो वैक्सीन कंपनियों कोवी शील्ड और को वैक्सीन के इमरजेंसी यूज करने की अनुमति दे दी है । जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है ।
शिवराज सरकार ने फैसला लिया कि वैक्सिकरण के तीसरे चरण में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री गण भी वैक्सीन लगाएंगे । साथ ही विडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से 14 जनवरी को फिर मीटिंग बुलाई जाएगी जिसमें सभी जिलों के धार्मिक गुरु, जनप्रतिनिधियों, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप और सामाजिक संगठनों से भी चर्चा करेंगे । सभी के सहयोग से इस टीकाकरण के अभियान को प्रारंभ किया जाएगा ।
कैबिनेट में निम्न विधयक को दी गई मंजूरी
कैबिनेट मैं सूदखोर और साहूकारों से मुक्ति के लिए मध्य प्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है जिसमें जो भी बिना लाइसेंस के ऋण देते हैं उनके 15 अगस्त 2020 के सभी ऋण शून्य हो जाएंगे । साथ ही कैबिनेट ने खाद्य उद्यम योजना सहित कई प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है ।
साथ ही प्रथम चरण में 4 लाख 16 हजार स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है । साथ ही 13 जनवरी के दिन यह वैक्सीन मध्य प्रदेश के चार जिले इंदौर ,भोपाल ,ग्वालियर ओर जबलपुर में वैक्सीन प्लेन के माध्यम से पहुंचाई जाएगी जहां उनका स्टोरेज किया जाएगा उसके बाद मध्य प्रदेश के बाकी जिलों में इसे पहुंचाया जाएगा ।