18 दिसंबर से मध्यप्रदेश में नियमित रूप से लगेगी कक्षा दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं

कोरोना काल के चलते बच्चों की शिक्षा के महत्वपूर्ण महीने निकल चुके हैं और अब परीक्षा आने वाली है। इस पर सरकार ने बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए और परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षा है 18 दिसंबर से नियमित रूप से लगाई जाएगी। कक्षा 9वी और 11वीं के लिए विद्यार्थियों के नामांकन और उपलब्ध अध्यापन कक्ष के आधार पर विद्यालय के प्रिंसिपल द्वारा स्थानीय स्तर पर कक्षाओं के संचालन पर निर्णय लिया जाएगा।

7 महीने से बंद स्कूल अब खोले जाएंगे

मध्य प्रदेश में कोरोना बीमारी के चलते स्कूल मार्च महीने से बंद है जिनको दिसंबर में खोला जाएगा स्कूल सिर्फ कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए ही खोले जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक में शिक्षा राज्यमंत्रीइंदर सिंह परमार ने यह बड़ा फैसला लिया है कि 18 दिसंबर से स्कूलों को नियमित रूप से खोल दिया जाएगा।

सोमवार को मंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक बुलाई थी जिसके दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं कि अब कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आने वाली है इस को ध्यान में रखते हुए इनकी कक्षाएं आगामी 18 दिसंबर से नियमित रूप से संचालित कर दी जाएगी।

सभी व्यवस्थाएं की जाएगी

कोरोना को देखते हुए स्कूल में कोरोना संक्रमण नहीं हो इसके लिए सभी व्यवस्थाएं कर दी जाएगी। कोरोना के सभी दिशा निर्देशों का भी पालन किया जाएगा। बच्चों को मास्क और सैनिटाइजर नहीं होने पर विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अभी तो यह फैसला जिला स्तर पर छोड़ दिया गया है।

क्या दिए गए हैं दिशानिर्देश

बैठक में राज्य मंत्री श्री इंदर परमार ने विभागीय समीक्षा के दौरान दिए गए निर्देशों पर की गई विभागीय तैयारियां और कार्य योजना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षक की नई नीति के अनुसार बच्चों का पाठ्यक्रम तैयार किया जाए। दूरस्थ क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों में आने वाली कठिनाइयों को देखकर योजनाएं बनाई जाए।

1 वर्ष से अधिक समय के लिए लंबित विभागीय जांच प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाई जाए।

श्री इंदर बरमान में आयुक्त लोक शिक्षण का नाम बदलकर आयुक्त स्कूल शिक्षा और लोक शिक्षण संचालनालय का नाम बदलकर स्कूल शिक्षा संचालनालय किए जाने का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। मंत्री परमार जी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज जी की इच्छा अनुसार अच्छा रिजल्ट देने वाले स्कूलों को प्रमाण पत्र भी दिए जाए। स्कूलों के रिजल्ट के अनुसार उन्हें गोल्ड, सिल्वर और कांस्य श्रेणी तथा प्रमाण पत्र के लिए स्कूल सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की जाए। अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों को भी प्रमाण पत्र दिया जाए।

प्रदेश स्तरीय मेगा पेरेंट्स टीचर्स मीट आयोजित करें जिसमें अभिभावकों से सीधे संपर्क हो सके और इसमें स्कूल के पूर्व छात्रों को भी जोड़ा जाए जिससे बच्चों को काफी मदद मिल सके।

 अशासकीय स्कूल के संचालकों द्वारा दी गई समस्याओं पर भी मंत्री परमार द्वारा चर्चा की गई और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए भी प्रस्ताव दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद केंद्रीय पुस्तकालय का आधुनिकीकरण करें और उसे सर्व सुविधा युक्त बनाएं। गरीब बच्चों को पुस्तकों का वितरण करें। गरीब बच्चों को पढ़ाई और रहने की व्यवस्था भी की जाए।

 

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