ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है जिसके कारण किसानों को रबी की फसलों को लेकर काफी चिंता होने लगी है। अधिक ठंड गिरने की वजह से कुछ फसलें तो जल गई है और लहसुन की फसल में पीला मोजेक रोग लग गया है जिससे लहसुन ऊपर से सूखती जा रही है। अफीम पर भी ठंड का प्रभाव नजर आ रहा है। किसानों का कहना है कि हम फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास कर रहे हैं।
सिंचाई करने में भी आ रही है परेशानियां
किसानों का कहना है कि एक तो फसलों पर बीमारियां आ गई है और इस वर्ष बारिश कम होने के कारण हमको सिंचाई करने में भी परेशानियां आ रही है। पानी कम होने के कारण फसलों को काफी दिनों में पानी मिलता है और थोड़ी थोड़ी देर में कुएं में पानी टूट जाता है। पानी कम होने के कारण फसलों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। बाज खेड़ी , डि गांव माली और मंदसौर के आसपास सभी क्षेत्रों में लहसुन की फसल में पीलापन आ गया है। किसान इस बीमारी को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
अफीम पर भी दिख रहा है ठंड का असर
लहसुन के साथ-साथ अफीम की फसल पर भी ठंड का असर दिख रहा है कृषि विज्ञानी डॉ एसएन मिश्रा ने बताया कि अफीम की फसल में ठंड का प्रभाव है। काली मस्सी की भी शुरुआत हो चुकी है। हालांकि अभी रबी की फसलों में स्थिति ठीक-ठाक है। गेहूं, चना और सब्जी मे भी बीमारी का खतरा नहीं है। डॉ मिश्रा ने अफीम किसानों को सावधानी रखने की सलाह दी है। अगले सप्ताह से ठंड ओर बढ़ सकती है। खेतों में फसलों को हवा से बचाने के लिए प्रयास किए जाएं।
प्याज के कारण लहसुन बीमारी का खतरा मंडराया
किसानों का कहना है कि जो लहसुन में पीला मोजक आया है वह प्याज की फसल के कारण आया है। जिन जिन स्थानों पर किसानों ने प्याज की फसल उगाई थी उस स्थान और उसके कुछ मीटर के दायरे में उगने वाली हर लहसुन की फसल पर बीमारी आई है। यह बीमारी पहले प्याज में थी और अब उड़कर लहसुन पर जम गई है। किसान फसल पर बीमारी मिटाने के लिए कई प्रकार के प्रयास कर रहे हैं।
लहसुन के दाम बढ़ने की काफी ज्यादा संभावना है
लहसुन पर आई बीमारी के कारण ऐसा लग रहा है कि इस बार लहसुन की फसल काफी कम होगी जिससे लहसुन की मांग ज्यादा हो सकती है और लहसुन के दाम भी ऊंचाई छू सकते हैं। देसी प्याज के दाम भी इस बार काफी ऊंचे जा सकते हैं। इस वर्ष सभी फसलों में बीमारियां तेजी से फैल रही है जिससे इनकी मांगे भी काफी बढ़ गई है।