Rj news
पहले ही भारत देश में कोरोना थमने का नाम ही नहीं ले रहा है और धीरे-धीरे अपना संक्रमण बढ़ाता जा रहा है और दूसरी और कुछ राज्यों में डॉक्टरों की कमी दिख रही है। यह एक चिंताजनक विषय है कि कोरोना ने अपने पैर फिर से पसारने शुरू कर दिए हैं और सरकार चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं कर रही है और डॉक्टरों की कमी महसूस हो रही है।
मोदी ने की है मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर मीटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है जो कोरोना संक्रमित से सबसे ज्यादा प्रभावित है।यार आज जब वह है जिनमें कोरोना का संक्रमण बहुत अधिक है और रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है।
एक और बड़ी बात यह है कि इन्हीं राज्यों में कई डाक्टरों की भर्ती परीक्षा अभी भी अटकी हुई है।
यह ऐसे राज्य है जिनमें सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी जूझ रही है और सरकार कोई योजना नहीं निकाल रही है।प्रधानमंत्री ने इन्हीं विषयों पर इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की औरइस प्रकार के मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की बात कही।
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी
प्रधानमंत्री के साथ इस कॉन्फ्रेंस कॉल मेंराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल थे जिन्होंने प्रधानमंत्री जी से मदद की गुहार की है।उन्होंने कहा कि अभी राजस्थान की हालत खराब है और उसे केंद्र सरकार की मदद की सख्त जरूरत है।राजस्थान सरकार भी अपनी जिम्मेदारियां संभाल रही है लेकिन अगर केंद्र सरकार की थोड़ी कुछ मदद मिल जाए तो कोरोना को काफी हद तक कंट्रोल में लाया जा सकता है।
राजस्थान में अभी क्या हाल है
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 4000 चिकित्सकों की भर्ती करनी है इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा तो हो चुकी है लेकिन आगे सरकार और कुछ निर्णय नहीं ले रही है। यहां तक कीपात्र चिकित्सकों के दस्तावेजों की जांच भी हो गई है अब सिर्फ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र देना है जिसका उन्हें कब से इंतजार है। लेकिन यह सब कुछ कोरोना काल के चलते हैं थमा हुआ है और उधर अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी सता रही हो इसलिए सरकार को जल्द ही सही निर्णय लेना होगा।
राजस्थान में कई स्वास्थ्य केंद्र तो ऐसे हैं जिन पर कोई डॉक्टर ही नहीं है यह कुछ पर डॉक्टर एक दिन आता है और फिर कुछ दिनों तक उसका कोई पता नहीं होता। कुछ अस्पतालों में कंपाउंडर और वार्ड ही डॉक्टर का काम कर रहे हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्र बिल्कुल ही नहीं है और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है अगर सरकार द्वारा इन 4000 चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाए तो यह समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। पहले ही दो परीक्षाएं कोरोना कॉल के चलते निरस्त हो चुकी है। इसलिए जब तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो जाते सभी चिकित्सकों में बेचैनी रहेगी।
सरकार द्वारा यह चिकित्सकों के विषय में सुस्ती बहुत भारी पड़ सकती है क्योंकि सरकार अभी भी इन विषयों पर कुछ एक्शन नहीं ले रही है।जो परीक्षा अगस्त में हो चुके हैं उनका परिणाम अभी तक प्रकाशित नहीं हो पाया है इससे ही सरकार की सुस्ती का पता चल सकता है अगर ऐसा ही रहा तो राज्यों की हालत बहुत बिगड़ सकती है। राजस्थान लोक सेवा आयोग में भी 269 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति भर्ती प्रक्रिया भी अटकी पड़ी है।
इन्हीं सब विषयों को लेकर अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार की है की हमें राजस्थान में कोरोना आपको कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार की कुछ मदद की जरूरत है।