मध्य प्रदेश सरकार स्कूलों एवं कॉलेजों में जीन की संख्या 100 से कम है उन कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया गया है । कुछ दिनों पहले सरकार ने स्कूलों को बंद करने का फैसला भी लिया था क्योंकि जिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या बहुत कम है उन विद्यालयों को नजदीक के पाठशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है । अब सरकार सरकारी कॉलेजों का भी स्थानांतरण करने जा रही है जहां लगभग 100 से कम विद्यार्थी होने पर वह पास के कॉलेजों में स्थानांतरण कर देगी। सरकार द्वारा जारी लिस्ट में लगभग 51 कालेजों को बंद करने का निर्णय लिया गया है ।
शिवराज सरकार ने क्यों लिया यह फैसला
शिवराज सरकार ने कहा कि जहां स्टूडेंट प्रवेश लेना पसंद नहीं करते हैं और वहां छात्रों की संख्या कम होने पर पर उन्हें चालू सत्र में ही स्थानांतरित कर दिया जाएगा इसके लिए छत्र पूरा होने तक का इंतजार नहीं किया जाएगा उन विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को नजदीक के कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया जाएगा ।
जानकारों का कहना है कि चुनाव को देखते हुए इन कालेजों को खोला गया था और साथ ही इन कॉलेजों में भवन की उचित व्यवस्था एवं शिक्षकों की भी व्यवस्था न होने के कारण इनको बंद करने का निर्णय लिया गया है । इन कॉलेजों में अधिकतर अतिथि शिक्षकों का संचालन किया जा रहा था सरकार को किसी भी प्रकार के विरोध की चिंता नहीं होगी लेकिन इससे अतिथि शिक्षक एवं कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे । इन सभी कालेजों में कॉमर्स ,साइंस, एवं आर्ट्स जैसे विषयों अध्ययन कराया जा रहा था।
कहां-कहां बंद किए जाएंगे कॉलेज
सरकार ने जिन जिन जिलों में कॉलेज बंद करना है उसको लेकर लिस्ट भी बनाली है इसमें सबसे ज्यादा सतना जिले में कॉलेज बंद किए जाएंगे जिनकी संख्या लगभग चार है ।
इसी तरह 3-3 संख्या वाले कॉलेज डिंडोरी ,शिवपुरी, सिंगरौली ,उज्जैन एवं सीधी मे वहीं 2-2 वाली संख्या में मंडला, अनूपपुर ,शहडोल ,सीहोर ,रायसेन ,धार ,मंडला, हरदा, बड़वानी, बुरहानपुर एवं श्यामपुर में एवं 1-1 वाले कॉलेजों की संख्या में ग्वालियर, आगर मालवा, होशंगाबाद, अशोकनगर ,मंदसौर ,नीमच, छिंदवाड़ा ,पन्ना ,कटनी ,मुरैना, रतलाम, सागर, रीवा आदि जिलों में कालेजों को बंद करने का निर्देश दिया गया है ।