आज रविवार शाम को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए एक सर्वदलीय मीटिंग आयोजित की गई थी जिसको लेकर सभी पक्ष के नेतागण उसमें उपस्थित हुए थे। जिसमें यह सत्र कल सोमवार से तीन दिवस के लिए शुरू होने वाला था , सर्व दलीय मीटिंग के बाद अभी सत्र को स्थगित कर दिया गया है आगे विधायकों की मीटिंग में सत्र बुलाने के लिए आगे विचार किया जाएगा ।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने क्या कहा ।
मीटिंग के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि कोरोना हमारी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है इसकी जिम्मेदारी भी पक्ष नहीं ले सकता है क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके लिए नियम भी बनाए हैं अगर सत्य चल सकता है तो चलाया जाए अन्यथा उसे नहीं चलाया जाए । साथ ही उन्होंने कहां की मैंने सुझाव दिया है कि अगर 20-20 सदस्यों की की टीम बनाई जाए एवं विधानसभा की बजाए स्पीकर के चेंबर में सत्र को चलाया जाए । जिससे कि एक नए रीति रिवाज की भी शुरुआत होगी । और हर पक्ष की आवाज आसानी से सुनी जाएगी।
सत्र से पहले सभी कर्मचारियों की कराई गई कोरोना रिपोर्ट ।
सदन शुरू होने से पहले सभी विधायकों एवं कर्मचारियों की कोरोना की जांच कराई गई जिसमें लगभग 61 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिसमें लगभग 10 विधायकों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है । जिसके चलते सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया कि सत्र को स्थगित किया जाए ।
साथ ही मध्य प्रदेश सरकार अभी जो धर्म स्वातंत्र्य भी लेकर आएगी उसको कैबिनेट में तो मंजूरी मिल गई है जिसके अंतर्गत आरोपी पाए जाने पर 10 साल तक की सजा एवं 1 लाख रुपए तक का जुर्माना रखा गया है । लेकिन अब सत्र स्थगित होने के कारण यह बिल भी प्रस्तावित होने से पहले अटक गया है ।