रिश्वत देने और लेने को अपराध बताने वाले कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग के क्षेत्र में प्रभारी तहसीलदार सुनील डावर का एक कारनामा सामने आया है। तहसीलदार सुनील डावर ने दोपहर में जो बोरवेल मशीन पकड़ी गई थी उसे रात को पत्र भेजकर छुड़वा दिया और कोई एफ आई आर तक दर्ज नहीं की गई। सुनील डावर ने खनन माफिया पर एफ आई आर दर्ज नहीं होने दी और रातों-रात सब मामला साफ कर दिया।
एसडीएम द्वारा पकड़ी गई मशीनें 1 सप्ताह से थाने में खड़ी है
इस मामले में एसडीएम बिहारी सिंह का कहना है कि बोरवेल मशीनें तो हमने भी पकड़ी है , जो 1 सप्ताह से थाने में ही खड़ी है। यदि सुनील ने ऐसा किया तो उसे बताता हूं। क्षेत्र के ग्राम धलपट में शनिवार दोपहर 3:00 बजे मशीन को पकड़ा गया था।
तहसीलदार सुनील डावर ने ही मशीन को पकड़ा था
तहसीलदार सुनील डावर द्वारा जिस बोरवेल मशीन को रातों-रात छुड़वा दिया उस मशीन को सुनील डावर ने ही पकड़ा था। कार्रवाई करते समय तहसीलदार के अलावा राजस्व अमला और पुलिस टीम भी शामिल थी। वाहन को जप्त कर सुवासरा थाने में खड़ा कर दिया गया और वाहन दिन भर थाने परिसर में ही खड़ा रहा लेकिन रात को अचानक तहसीलदार ने थाने में लिखित आदेश भेजकर मशीन को छोड़ने के निर्देश दे दिए।
राजनीतिक दबाव के चलते तहसीलदार ने यह सब किया
मामले में अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। जानकारी से पता चला है कि तहसीलदार सुनील डावर ने उक्त बोरवेल मशीन को राजनीतिक दबाव के कारण बिना किसी कार्यवाही के छोड़ दिया है।
आश्चर्य की बात यह है कि जो वाहन पकड़ा गया था वह मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग के किसी खास का होना बताया जा रहा है। तहसीलदार डावर से बात की गई तो उन्होंने वाहन को बाहर का होना बताकर इस पर कोई कार्यवाही नहीं करना बताया। वही टीआई का कहना है कि तहसीलदार के लिखित आदेश के बाद ही गाड़ी को छोड़ा गया था।
बोरवेल मशीन बिना सरकार की अनुमति के किसी स्थान पर नहीं चलाया जा सकता लेकिन यहां पर पुलिस द्वारा खनन करते हुए पकड़े जाने के बावजूद भी उन पर कार्यवाही नहीं कर के वाहनों को छोड़ा जा रहा है। जबकी वाहनों पर कार्यवाही करनी चाहिए।