कोरोना काल के कारण काफी समय से विद्यार्थियों के स्कूल बंद होने के कारण उनकी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से कराई जा रही थी लेकिन अब विद्यार्थियों की परीक्षाएं पास आने के कारण अब 10वीं एवं 12वीं की कक्षाएं चालू हो गई है ।
सरकार द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान उनके नवंबर माह में हुए टेस्ट के आधार पर कमजोर विद्यार्थियों की अलग से कक्षाएं लगाई जाएगी साथ ही रविवार के दिन भी विद्यालय चलाया जाएगा एवं विद्यालयों के अध्यापक छात्रों के अभिभावक से निरंतर संपर्क में रहेंगे। 18 दिसंबर से विद्यालय प्रारंभ होने के पश्चात कई अभिभावकों की अनुमति के पश्चात ही विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है अब लगभग सभी छात्र विद्यालय में उपस्थित होने लगे हैं। साथ ही अध्यापक छात्रों की परीक्षा नजदीक आने को लेकर तैयारी में लग गए हैं एवं जिन छात्रों का विषय कमजोर है उन पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
प्राचार्य एवं शिक्षकों की अलग-अलग भूमिका तय की गई है जिसको लेकर कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन हर विद्यालय के प्राचार्य शिक्षकों की डायरिया देखेंगे । एवं अध्यापकों की प्राचार्य के साथ प्रतिदिन बैठक होगी । जिसमें छात्रों की उपस्थिति एवं जो छात्र पढ़ने में कमजोर है उनकी अलग से कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
आइए जानते हैं RL कारपेंटर जिला शिक्षा अधिकारी मंदसौर का क्या कहना है –
प्राचार्य द्वारा अध्यापकों को अपनी कक्षाओं की अलग-अलग ब्लूप्रिंट तैयार कर छात्रों को इसके बारे में समझाना होगा। साथ ही अध्यापक शासन द्वारा कम किए गए सिलेबस को भी समझाएंगे।
प्रति सप्ताह में एक बार ग्रुप में छात्रों के टेस्ट लिए जाएंगे एवं उनके फॉर्म भर कर प्राचार्य को जमा किए जाएंगे साथी शिक्षक छात्रों के माता – पिता के संपर्क में रहेंगे ।
प्रत्येक सप्ताह में छात्रों के जो टेस्ट होते हैं उसके अलावा महीने में एक लिखित टेस्ट लिया जाएगा जिस का रिकार्ड बनाकर उनके माता-पिता को प्रगति से अवगत कराया जाएगा। साथ ही विद्यालयों में जो अध्ययन चल रहा है वह मध्यप्रदेश शासन द्वारा अवगत कराया गया है जिसके अनुसार छात्रों कि तैयारियां कराई जा रही है ।