भारत में कोरोना के प्रभाव को रोकने के लिए
कोरोना को रोकने के देश में सभी जगह पर तरह-तरह की योजनाएं बनाई जा रही है।सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी कोरोना को देखते हुए गाइडलाइन जारी कर रहे हैं नए दिशानिर्देश बना रहे हैं। लोगों से दूरी बनाए रखने की विनती कर रहे हैं सभी दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए कह रहे इसी प्रकार के कई योजनाएं बना रहे हैं।
राजस्थान में सभी योजनाओं पर फिर रहा है पानी
सभी कोरोना कोरोना के लिए कई प्रकार के प्रयास कर रहे हैं और उधर राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की सभी कोरोना को रोकने वाली योजनाओं पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पानी फेर रहे हैं।संक्रमित होने के बाद भी सरकारी अस्पताल में जबरन निरीक्षण पर हाई कोर्ट को एक्शन लेना चाहिए।
केकड़ी मे चिकित्सा मंत्री की करतूत का खामियाजा अब विभाग भुगतेगा।
जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत श्रीमान नरेंद्र मोदी से संक्रमण पर प्रदेश की तैयारियां बता रहे थे तब कोरोना संक्रमित चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को भी उनके साथ होना था लेकिन वह उस समय जयपुर स्थित आर यू एच एस अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे।हालांकि अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण नहीं करने की सलाह दी थी लेकिन मंत्री रघु शर्मा ने चिकित्सकों की सलाह को नजरअंदाज करके जबरदस्ती अस्पताल का निरीक्षण किया।जबकि उसी रात रघु शर्मा को अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था।
रघु शर्मा को अपना इलाज करवाना था जबकि उन्होंने अस्पताल के निरीक्षण की जिद पकड़ ली। यही नहीं निरीक्षण के बाद रघु शर्मा घर चले गए और बोले कि अब मैं घर पर ही क्वारंटाइन रहूंगा। यह सब कोरोना के दिशा निर्देशों के विरुद्ध हुआ।इधर मंत्री कोरोना के नियमों पर पानी फेर रहा है और उधर सरकार कोरोना को रोकने के लिए कई योजनाएं बना रहीं हैं।
यह भी कोई बात होती है क्या
रघु शर्मा चाहे मंत्री क्यों ना हो लेकिन किस नियम में ऐसा लिख रखा है कि एक संक्रमित व्यक्ति पूरे अस्पताल में घूम ले। एक तरफ राजस्थान में कोरोना से मुकाबला करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है और दूसरी तरफ संक्रमित मंत्री ही अस्पताल का जबरन निरीक्षण कर रहा है।एक और सीएम अशोक गहलोत राजनीतिक मजबूरी के चलते इस मुद्दे पर चुप रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग में मंत्री के खिलाफ की मांग नहीं कर सकता।इस समय प्रदेशवासियों की निगाह हाई कोर्ट पर ही लगी हुई है कि हाईकोर्ट ही इस बात का निष्कर्ष निकाल सकती है।संजय दत्त चिकित्सा मंत्री ही नियमों का उल्लंघन करें तो हम आम आदमी से क्या उम्मीद रख सकते हैं कि यह सभी नियमों का पालन करेंगे।
मंत्री रघु शर्मा कर रहे हैं गलतियां
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र में करीब 75 जनसभाएं कर चुके हैं जनसेवा अधिकतर में बिना मास्क के थे। बिना मास्क लगाए ही मंत्री रघु शर्मा ने सैकड़ों लोगों से माला पहनी और फिर उन्ही मालाओं को निकालकर सरपंचों और कार्यकर्ताओं को पहना दी। जब मंत्री रघु शर्मा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ गया है ।
जो भी लोग चिकित्सा मंत्री रमेश शर्मा के संपर्क में आए हैं वह जांच करवाएं या घर पर ही क्वारंटाइन करें।