राजस्थान सरकार ने लव जिहाद पर कानून बनाने से किया इंकार ।

 कल 20 नवम्बर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान जारी कर लव जिहाद पर कानून बनाने से इंकार कर दिया है। 19 नवम्बर को पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने एक बयान जारी कर सीएम गहलोत से राजस्थान में भी लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग की थी। भाजपा के नेता देवनानी का कहना रहा कि जिस तरह उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जिस तरह लव जिहाद पर कानून बनाने की घोषणा की है, उसी प्रकार राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी करनी चाहिए। देवनानी की मांग के बाद 20 नवम्बर को सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि लव जिहाद का मुद्दा उठाकर भाजपा सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बिगाडऩा चाहती है। लव जिहाद कोई शब्द नहीं है। विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है। संविधान और कानून में इस संबंध में जरूरी अधिकार दे रखे हैं। गहलोत के ट्वीट के बाद देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरी भावनाओं को समझा ही नहीं और एक गंभीर मामले को हल्के में खारिज कर दिया। लव जिहाद का मामला शादी से जुड़ा नहीं है। बल्कि यह महिलाओं के शोषण से जुड़ा हुआ है। मैंने संवैधानिक तरीके से ही मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया था। मैं मुख्यमंत्री को बताना चाहता हूं  कि लव जिहाद का मतलब धर्म छिपाकर विवाह करना है। ऐसी अनेक घटनाएं सामने आई है, जिनमें एक समुदाय विशेष के लोगों ने अपना धर्म छिपाकर दूसरे समुदाय की लड़की से विवाह कर लिया। बाद में ऐसी लड़कियों को मजबूर होकर  प्रछताना पड़ता है। चूंकि धर्म छिपाकर विवाह करने को लेकर मौजूदा कानून में सख्त प्रावधान नहीं है, इसलिए लव जिहाद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इन घटनाओं को देखते हुए ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्यप्रदेश आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लव जिहाद पर कानून बनाने की घोषणा की है। राजस्थान में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। देवनानी ने कहा कि सीएम गहलोत के पास गृह विभाग भी हैं, इसलिए उन्हीं का यह दायित्व बनता है कि वे महिलाओं को शोषण से बचाएं। देवनानी ने कहा कि इस मुद्दे पर सांप्रदायिक माहौल बिगाडऩे का भाजपा पर आरोप लगाकर मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मेरी मांग पर दोबारा से विचार करना चाहिए। 

 

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार अगले सत्र में यह कानून लाने जा रही है और अन्य राज्यों में भी इस पर विचार किया जा रहा है । जिसको लेकर भाजपा राजस्थान में भी इस कानून को लाने की मांग कर रही है । 

प्रदेश के अंदर महिलाओं के शोषण से जुड़े  मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंभीरता से नहीं ले रहे हैं- वासुदेव देवनानी।

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