Indore Today News
दिवाली के बाद कोरोना कि नहीं लहर में कोरोना ने इंदौर को फिर से चपेट में ले लिया है इंदौर में एक ही दिन में 24 घंटे के अंदर 546 में संक्रमित मामले सामने आए हैं। यह जिले में इस महामारी के पिछले 8 महीनों में से पहले इतने केस कभी भी 24 घंटे के अंदर सामने नहीं आए थे यानी कि कोरोना पहले से ज्यादा दीपावली के बाद अपना प्रकोप बता रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को दी की अब और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना मैं पहले से ज्यादा ताकत अब हो सकती है।
इंदौर में कितनी हो चुकी है कोरोना की संख्या
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की कुल संख्या 37661 हो गई है जिसमें से 732 मरीजों की मौत हो चुकी है और कुछ स्वास्थ्य भी हुए हैं। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि जिले में कोरोना के मरीजों की मृत्यु दर 1.94 फीसद के स्तर पर है। जो 1.46% के मौजूदा राष्ट्रीय औसत के मुकाबले अधिक है।
अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल तो कोरोना के आने वाले संक्रमितो का इलाज जिले में किया जा रहा है लेकिन अगर ऐसे ही केस आते रहे तो हमारे पास मरीजों को रखने के लिए जगह कम भी पड़ सकती है इसलिए प्रशासन और सभी को सतर्क रहने की बहुत ज्यादा जरूरत है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल तो 2825 मरीजों का इलाज जिले में हो रहा है। इनमें होम आइसोलेशन वाले मरीज भी शामिल है।उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 34104 मरीज कोरोना से जंग लड़ कर मुक्त हो चुके हैं।
कोरोना के डर से यात्रियों में कमी शुरू हो गई है
जैसे ही इंदौर में नया कोरोना केस की खबर सामने आई हैं। तभी से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर फिर से संकट के बादल छाने लगे हैं इसके पीछे कोरोना का फिर से आने का कारण है। दिवाली के बाद कोरोना का फिर से बढ़ जाने के बाद यात्रियों ने डर के मारे सफर करना फिर से बंद कर दिया है और रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में कमी देखने को मिली है।अगर कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो कंपनियां अपनी उड़ान बंद है या उनकी फ्रीक्वेंसी कम कर सकती है। कोरोना काम होने के बाद जब उड़ाने शुरू हुई और जैसे-तैसे यात्रियों की संख्या मैं बढ़ोतरी हुई और इंदौर में प्रतिदिन 36 से ज्यादा विमान आ जा रहे थे लेकिन कोरोना के फिर से एक्टिव होने के कारण यात्रियों की संख्या कम हो रही है।
इस पर प्रशासन को कड़ी व्यवस्था और सतर्क रहना पड़ेगा नहीं तो यह सरकार के लिए भारी पड़ सकता है।