आज हम बताएंगे कि कृषि बिल कानून से किसान क्यों नाराज है ? और क्यों आंदोलन कर रहे हैं* ‌

 

जैसे कि आप जानते हैं कि बीते कुछ दिनों  पहले सरकार किसानों के हित में तीन बिल लेकर आई थी जिससे कि किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है और इस बिल का वह लगातार विरोध कर रहा है लेकिन यह विरोध धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है ।

  कुछ दिन पहले किसानों ने इस बिल के विरोध में दिल्ली कुच का आंदोलन किया था । अब भी जारी है किसान लगातार दिल्ली में जाने का प्रयास कर रहे हैं और इसका विरोध कर रहे है ।

आज हम बताएंगे कि सरकार किसानों के बीच तीन कौन-कौन से  लेकर आइए और किसान इसका विरोध क्यों कर रहे हैं ?

सबसे पहले किसान MSP को लेकर क्यो विरोध कर रहे है

   किसानों को डर है कि कहीं सरकार MSP(minimum support price) खत्म नहीं कर दे क्योंकि सरकार Agriculturel produce market committee लेकर आई है जिसमें किसान मंडी के बाहर भी अपनी फसल को बेच सकता है किसान मंडी के अंदर लाइसेंसी टेंडर से फसल बेचता है जिससे कि वो एमएसपी पर उसे ही फसल की सही कीमत मिल जाती है लेकिन मंडी के बाहर लाइसेंसी टेंडर की कोई सुविधा नहीं है जिससे कि किसान को डर सता रहा है कि वह मंडी के बाहर फसल बेचता है तो उसे MSP पर फसल का सही मूल्य मिलेगा या नहीं ।

एक और जो टैक्स को लेकर भी डर सता रहा है

सरकार ने मंडी के बाहर कोई टैक्स का प्रावधान नहीं रखा है और मंडी के अंदर यह टेक्स सुविधा चालू हुई है जिससे कि किसान की फसल खरीदने वाला व्यापारी तो मंडी के बाहर ही फसल खरीदेगा क्योंकि उसे कोई टैक्स नहीं भरना होगा इससे उसको फायदा होगा । इससे मंडी का धीरे-धीरे अस्तित्व समाप्त होता जाएगा ।

 एक और बिल न्याय मामले से संबंधित है जो कि किसानों और व्यापारी में न्याय से संबंधित है

 सरकार एक और बिल लेकर आई है जो कांट्रेक्ट फार्मिंग से संबंधित है जिससे कि यह होगा कि अगर किसान और व्यापारी में कोई मतभेद होती है तो किसान अदालत की शरण नहीं ले सकेगा उसे वहां के एसडीएम के द्वारा ही इस विवाद का समाधान खोजना होगा उसकी अपील डीएम के यहां होगी ना कि कोर्ट में , किसानों को डीएम ,एसडीएम पर विश्वास नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि इन दोनों पदों पर बैठे लोग सरकार के कठपुतली की तरह होते हैं वह कभी भी किसान के पक्ष में नहीं होते हैं 

तो यही है वह तीनों कानून जिसको लेकर किसान इस बिल का विरोध कर रहा है और सरकार से इस बिल में संशोधन की मांग कर रहा है ।

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