मंदसौर नगर पालिका की बिल्डिंग बुरी तरह जर्जर
नगरपालिका का काम होता है शहर में निर्माण करवाना अथवा जो निर्माण पहले से हो चुका हो उसकी देखरेख करना बारिश के दौरान यदि कोई बिल्डिंग जर्जत होती है तो नगरपालिका के इंजीनियर उसे देखने जाते हैं और यदि बिल्डिंग गिराने जैसी होती है तो उसे गिरा देते हैं जिस तरह कहावत है कि दिया तले अंधेरा उसी प्रकार और नगर पालिका के इंजीनियरों की जिम्मेदारी होती है कि वह शहर की चौकसी करना किंतु यहां तो नगरपालिका की बिल्डिंग की देखरेख करते हैं पिछले कुछ सालों से नगर पालिका की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है नगर पालिका की बिल्डिंग के नीचे बनी दुकानों में कई बार बिल्डिंग की छत का मटेरियल दुकानदारों के कारीगर ऊपर भी गिर चुका है फिर भी नगर पालिका आजकल ध्यान नहीं दे रही है कुछ दिनों पहले नगरपालिका के सेंटर में स्थित स्टैचू की रेलिंग भी टूट कर गिर गई थी यह तो अच्छी बात है कि उस समय कोई उसके पास मौजूद नहीं था नहीं तो दुर्घटना हो सकती थी साथ ही कई जगहों पर नगर पालिका की बिल्डिंग जर्जर हो रही है जहां इंजीनियरों को ध्यान देने की सख्त जरूरत है नहीं तो कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है
आस पास रहने वाले लोगों से चर्चा
बिल्डिंग की हालत खराब है कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है बिल्डिंग की रिपेयरिंग जल्दी से जल्दी होनी चाहिए और हमारे नीचे लगा चौगान में लगा फव्वारा देखते देखते ही टूट गया और उसके पास से भी कोई मौजूद होता तो उसे भी चोट लग सकती थी
पार्षद से चर्चा
नगर पालिका की यह बिल्डिंग किस तरह बनी किस तरह का मटेरियल यूज़ हुआ यह तो अब साफ साफ दिख रहा है जबकि सभी इंजीनियर यहां बैठते हैं सभी अधिकारी यहां बैठते हैं सीएमओ यहां बैठते हैं और जहां तक नागरिक प्रशासन मंत्री जहां बैठते हैं जो कि इसी साल आए हैं विधायक महोदय सांसद महोदय और सारे बड़े-बड़े नेता के यहां आते हैं छत गिरना दिखा रहा है कि क्या विकास कर रहे हैं यदि कल को कोई भी घटना घटी है जनता में किसी या किसी अधिकारी को हानि पहुंचती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा नगर पालिका को कम से कम अपने रहेवास को तो ठीक करवा लेना चाहिए जहां जल कर विभाग देता है वहां पर कर्मचारियों के ऊपर छठ का मलबा गिरता है दुख कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है फिर भी यह ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं अब तो लगता है जब कोई तभी कोई ध्यान देगा ।