धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है ।
इस वर्ष शरद पूर्णिमा का महोत्सव अक्टूबर माह के दिनांक 31 /10 /2020 (शुक्रवार) को मनाई जाएगी ।
इस दिन रात के 12:00 बजे देश के सभी शहर और गांव में सभी मंदिरों में भजन कीर्तन किए जाते हैं और 12:00 बजे देवी देवताओं की आरती की जाती है और प्रसाद वितरण की जाती है, और प्रसाद के रूप में खीर के वितरण का विशेष महत्व है। इस दिन का इसलिए भी महत्व है इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है साथ ही इस बात को कोमुदी व्रत , आश्विन पूर्णिमा व्रत के नाम से जाना जाता है । इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का विशेष महत्व है और मान्यता है कि इस दिन समुंद्र मंथन के पर मां लक्ष्मी जी का जन्म हुआ । और इसी दिन भगवान विष्णु जी के साथ पृथ्वी भ्रमण पर निकले थे ।
दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आज आपको हमारे द्वारा बताए गए इस कार्यक्रम का महत्व प्राप्त हुआ होगा।