mandsaur news
किसान यूरिया खाद के लिए दर दर भटकते हैं जिसको लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होते हैं जिसके भाव अचानक बढ़ जाते हैं और अचानक कम हो जाते हैं उसी को सरकारी गोदामों में ऐसे ही बर्बाद किया जा रहा है उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा जब किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता होती है तब उन्हें टाइम पर खाद मिलता नहीं और जब मिलता है तो खाद की क्वालिटी सही नहीं मिलती
ऊपर दी गई तस्वीरें मंदसौर के सरकारी खाद वितरण #सोसाइटी की है जहां पानी नीचे फर्श पर फैला हुआ है और यूरिया के कट्टे उसी पानी के ऊपर रखे हुए हैं जिसकी वजह से यूरिया के कट्टों में सीलन पहुंच गई है और कई कटे तो अच्छी तरह से गीले हो चुके हैं अब किसान अपनी मजबूरी में इन को भी ले जाएगा और अपने खेतों में डालेगा किंतु अब किसान के पास उस यूरिया खाद को उसी समय डालने के अलावा कोई चारा नहीं है वह उसे बचाकर नहीं रख सकता और ना ही उस गीले कट्टे को लेकर सरकारी सोसायटी कोई छूट देती है ना किसानों को उस वक्त माल मिलता है जब उनको सख्त जरूरत होती है तब तो कह दिया जाता है कि गोदाम में माल नहीं है और यदि गोदाम में माल नहीं है तो माल गीला कैसे हुआ क्या आगे से माल गिला ही आता है किसान भाई की मजबूरी में ऐसे खराब क्वालिटी के कट्टे लेकर भी अपने घर चले जाते हैं कोई शिकायत नहीं करता वह सोचते हैं कि एक-दो कट्टे के लिए कौन बोले किंतु क्या यह गलत नही है कि सरकारी गोदामों में माल अगर गिला हो रहा है तो आखिर माल सुरक्षित कहां रहेगा सभी किसान भाइयों से निवेदन है कि जब भी आप सोसाइटी या किसी अन्य खाद भंडार में खाद लेने जाए तो आवश्यकता के अभाव में खराब खाद लेकर ना आए और यदि खराब खाद वहा बिकता दिखे तो आप कंप्लेन जरूर करें क्योंकि सरकारी गोदामों में जो खाद भरा हुआ है वह किसानों का हक है और वह उन्हें समय पर मिलना चाहिए
इस जानकारी को सभी किसान भाइयों में शेयर करें और सभी किसान भाई जागरूक रहें ।