22 लाख किसान कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं
मध्य प्रदेश की 22 लाख किसान कर्ज माफी के इंतजार में उनके डिफाल्टर होने का खतरा बढ़ गया कर्ज माफी के इंतजार में किसानों ने अपनी किसान कर्ज राशि बैंकों में नहीं जमा कराए जिसके कारण उनके डिफाल्टर होने का खतरा बना हुआ है इसके कारण अगले सीजन में कृषि लोन नहीं मिलने का खतरा बढ़ गया है राज्य स्तर बैंक कर समिति मंगलवार को सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने इसका ब्यौरा रखेगी इसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी दरअसल इन सभी किसानों पर 15 हजार करोड़ तक का कर्ज ले रखा है ज्यादातर किसानों ने 50000 से ₹200000 का लोन ले रखा है पिछली कांग्रेस सरकार के समय 45 लाख किसानों का 23 हजार करोड़ कर्ज माफ की योजना शुरू हुई थी 10 मार्च तक की स्थिति में 23 लाख किसानों का 8000 करोड़ रुपए कर्ज माफ भी हो चुका था क्या कार्य कांग्रेस सरकार के द्वारा किया गया था और शेष बचे बारिश लाख किसानों का कर्ज माफी का इंतजार है कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं ₹50000 तक का 23 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था और अगला चरण शुरू होने वाला था और ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया जिसका कारण ज्योतिराज सिंधिया बीजेपी मैं शामिल हो गए थे जिसकी वजह से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और कमलनाथ की सरकार भंग होते हैं यह योजना भी रुक गई लेकिन मध्य प्रदेश के किसानों का कहना है कि किसानों को कर्ज माफ होना चाहिए और मध्य प्रदेश में अभी 22 लाख किसानों का कर्ज माफ होना बाकी है इसलिए 22 लाख किसान कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं और इसी की वजह से किसान अपना बैंक कर्ज नहीं चुका रहे हैं जिसकी वजह से 1 साल में कृषि खातों में नॉन फॉर्मेटिंग 24% तक बढ़ गया है NPA के बढ़ने से बैंक भी दबाव में है और इसी के चलते बैंक कर समिति ने तय किया है कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कर्ज माफी का ब्यौरा रखा और मध्य प्रदेश के किसान कर्ज माफी के इंतजार में है और यही कारण है कि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुका रहे हैं इसलिए बैंकरकर समिति आज के दिन मुख्यमंत्री सामने ब्यौरा रखा जिसके नतीजे अभी आना बाकी है ।